इटावा डेस्क / उत्त्तर प्रदेश में 2009 में बसपा शासनकाल में हुए छात्रवृत्ति घोटाले की जांच पूरी होने के बाद आईओडब्ल्यू आर्थिक अपराध शाखा ने 154 लोगों के धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। केस में तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी इन्द्रा सिंह और बीएसए समेत 14 सहायक बीएसए और स्कूल प्रबंधकों को नामजद किया गया है।
बीएसए अजय कुमार सिंह ने बताया कि वर्ष 2009 में 116 विद्यालयों में छात्रवृत्ति के गबन का खुलासा हुआ था। इसकी जांच चल रही थी। इनमें 86 विद्यालय जांच में दोषी पाए गए और 64 विद्यालयो के प्रबंधक, प्रिंसिपल समेत 20 अधिकारियों की इस गबन में संलिप्तता उजागर हुई। इनके खिलाफ आईओडब्ल्यू ने आईपीसी की धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120 बी के तहत आर्थिक अपराध शाखा में मुकदमा दर्ज कराया है।
एक स्कूल के प्रबंधक रविंद्र सिंह तोमर ने बताया कि उस समय तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी और बीएसए खुलेआम स्कूल प्रबंधकों से सांठगांठ कर छात्रवृत्ति का बंदरबांट करवा रहे थे। अभिभावकों ने बताया कि केवल कागजों में विद्यालय चल रहे थे। बच्चों के हक पर डाका डालने वाले अधिकारियों और स्कूल प्रबंधकों के खिलाफ सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए। वर्ष 2009 में निजी मान्यता प्राप्त विद्यालयों ने छात्रों को मिलने वाले 14 करोड़ 61 लाख रुपए की छात्रवृत्ति का गबन किया था।