देहरादून डेस्क/ उत्तराखंड में दरोगा भर्ती धांधली मामले में विजिलेंस ने सभी जिलों से 2015 में सीधी भर्ती के दरोगाओं की सूची मांगी है। सभी जिलों में तैनात इन दरोगाओं के नाम, पते और पिता आदि के नाम की जानकारी ली जा रही है। विजिलेंस ने गत आठ अक्तूबर को 12 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इनमें से कई से पूछताछ भी की जा चुकी है।
2015 दरोगा सीधी भर्ती में धांधली का पता स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में पेपर लीक की जांच के समय ही चला था। उस वक्त तक एसटीएफ के पास 15 दरोगाओं के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य थे, लेकिन एसटीएफ पुलिस का हिस्सा होने के चलते इसकी जांच विजिलेंस से कराए जाने की संस्तुति की गई। इस पर विजिलेंस ने प्राथमिक जांच की और 12 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। इसमें से कई पहले ही विभिन्न परीक्षा धांधलियों के आरोप में जेल में बंद हैं। यह परीक्षा पंतनगर विवि की ओर से कराई गई थी। इसमें विवि के एक पूर्व और एक वर्तमान अधिकारी को भी नामजद किया गया।
अब विजिलेंस ने सभी जिलों को पत्र भेजकर वहां पर तैनात इस बैच के दरोगाओं का विवरण मांगा है। बताया जा रहा है कि विवरण मिलने के बाद इन सभी से पूछताछ की जाएगी। इनके संबंध में विजिलेंस के पास जो साक्ष्य मौजूद हैं, उनसे भी मिलान किया जाएगा। इससे पहले डीजीपी अशोक कुमार ने कहा था कि यदि किसी के खिलाफ भी कोई साक्ष्य मिलता है तो उस पर ठोस कार्रवाई की जाएगी।
विजिलेंस के मुकदमा दर्ज करने के बाद से ही इन सभी नकलची दरोगाओं के भी हाथ पैर फूले हुए हैं। हालांकि, अभी जांच कितने दिन चलेगी और कब निर्णायक मोड़ पर पहुंचेगी इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। शुरूआती पड़ताल में 12 दरोगाओं के खिलाफ एसटीएफ को साक्ष्य मिले थे, लेकिन इनकी संख्या करीब 35 बताई जा रही है। ये दरोगा ऐसे हैं जिन्हें केस डायरी तक लिखना नहीं आता। मगर, इस बीच आशंका यह भी है कि ऐसे दरोगाओं की संख्या 100 से अधिक हो सकती है।