अलीगढ डेस्क/ अलीगढ़ पुलिस ने हरदुआगंज क्षेत्र में हुए तिहरे हत्याकांड समेत आधा दर्जन हत्याओं का खुलासा करते हुए एटा के एक गैंग का पदार्फाश किया है। साधुओं की हत्या के लिए एटा से इस गैंग के पांच सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जिसमें एक पूर्व सभासद भी है। इस गिरोह व हत्या में शामिल तीन फरार सदस्यों की पुलिस तलाश कर रही है। फरार आरोपियों की गिरफ्तारी पर पुलिस ने 25-25 हजार का इनाम घोषित कर दिया है।
मंगलवार को पुलिस सभागार में इन घटनाओं का खुलासा करते हुए एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि 12-13 अगस्त को पाली मुकीमपुर में एक महंत, पुजारी की हत्या कर दी, जबकि गंभीर रूप से एक को मरा समझकर गंभीर अवस्था में छोड़ दिया गया था।
वहीं 26 अगस्त को अतरौली के गांव बहरावद में ट्यूबवेल पर सो रहे किसान और 14 सितंबर को हरदुआगंज के गांव कलाई के दुरैनी आश्रम में साधु और किसान दंपति की हत्या कर दी गई थी। उन्होंने इन मामलों की जांच में जुटी पुलिस टीम ने एटा के एक गिरोह को गिरफ्तार किया है, जो इन हत्याओं में लिप्त है।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने एटा के पूर्व सभासद साबिर अली उर्फ दिनेश प्रताप जाटव निवासी किदवई नगर एटा के साथ-साथ उसके बेटे नदीम, सलमान व यासीन निवासी अतरौली अलीगढ़ और इरफान को गिरफ्तार किया है। इनके पास से कंट्री मेड 4 पिस्टल, कारतूस, नकदी व मृतकों के आधार कार्ड बरामद हुए हैं।
एसएसपी ने बताया कि पूर्व सभासद साबिर अली उर्फ दिनेश प्रताप जाटव अप्रैल 2016 एटा में हुए शहर मु़फ्ती हत्याकांड में जेल गया था। मामला ट्रायल पर चल रहा है। मुकदमे में कुछ लोग गवाह थे। उन्हीं गवाहों को फंसाने के लिए साबिर अली ने अपने गैंग के साथ तीन घटनाओं को अंजाम दे साधुओं समेत 6 लोगों की हत्याएं की।
एसएसपी साहनी ने बताया कि हत्या करके लूट को अंजाम देने वाले इस गैंग ने मौलवी हत्याकांड के गवाहों को इन हत्याओं में फंसाने के लिए पाली और हरदुआगंज में हुई वारदातों के घटनास्थल पर गवाहों के नाम और मोबाइल नंबर की पर्ची और पर्स छोड़ा था। एसएसपी ने बताया कि इन हत्याओं में तीन आरोपी मुस्तकीम, साल और अफसर है, जिनकी गिरफ्तारी पर 25-25 हजार का इनाम घोषित किया गया है।
उन्होंने बताया कि आरोंपियों पर गैंगस्टर एक्ट के अलावा एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी। उधर, इन हत्याओं का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को 1.25 लाख के इनाम की घोषणा हुई है। इसमें डीजीपी ने 50 हजार, एडीजी आगरा ने 30 हजार, डीआईजी ने 25 हजार और एसएसपी ने 20 हजार के पुरस्कार की घोषणा की है। डीजीपी ने सभी राजपत्रित पुलिस अफसरों को प्रशस्तिपत्र देने की भी घोषणा की है।