लखनऊ डेस्क/ इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में चल रही 12,460 सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है | दरअसल चयन प्रक्रिया में बीटीसी 2012 और 2013 के अभ्यर्थियों का क्वालिटी प्वाइंट माक्र्स (गुणांक) की गणना अलग-अलग की जा रही थी | इसे लेकर 2012 बैच के अभ्यर्थियों ने याचिका दाखिल की थी|
कोर्ट ने यूपी सरकार के सचिव, बेसिक शिक्षा को निर्देश दिया है कि चयन प्रक्रिया में क्वालिटी प्वाइंट माक्र्स (गुणांक) के निर्धारण हेतु प्रक्रिया को दुरूस्त कर नए सिरे से चयन किया जाए | अंकों के कम्प्यूटेशन का नया फार्मूला बनने तक कोई चयन न किया जाए |
मगर 2013 बैच में प्रथम, द्वितीय श्रेणी के बजाए ग्रेडिंग सिस्टम लागू किया गया. इसके मुताबिक ग्रेड ए 80 प्रतिशत तथा ग्रेड बी 79 से 65 प्रतिशत और सी 65 से 50 प्रतिशत माना जाए |
मगर क्वालिटी प्वाइंट में 2013 वालों को ग्रेड बी के प्रथम श्रेणी के बराबर अंक दे दिए गए | इससे 2012 बैच के अभ्यर्थियों को नुकसान हो रहा है | कोर्ट ने इस पद्धति को गलत करार देते हुए चयन प्रक्रिया पर रोक लगा दी है |
याची के वकीलों का कहना था कि 20 दिसम्बर 2016 को पदों पर भर्ती के लिए सचिव, बेसिक शिक्षा परिषद ने गाइडलाइन जारी की | इसमें 2012 में प्रथम श्रेणी 60 प्रतिशत वालों को बारह अंक, द्वितीय श्रेणी 59 से 48 प्रतिशत को छह अंक और तृतीय श्रेणी पद 47 से 33 प्रतिशत को तीन अंक का क्वालिटी प्वाइंट में देने का प्रावधान था |