लखनऊ डेस्क/ यूपी के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के बेटे अमनमणि त्रिपाठी को समाजवादी पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है | समाजवादी पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने की वजह से उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है| जेल में बंद अमनमणि त्रिपाठी पर अपनी पत्नी की हत्या का आरोप है|
बीते दिनों समाजवादी पार्टी के बीच चली खींचतान के बाद सपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव की कुर्सी चली गई थी| दरअसल शिवपाल की चुनावी प्रत्याशियों की लिस्ट में महाराजगंज की नौतनवां सीट से अमनमणि को प्रत्याशी घोषित किया गया था| शिवपाल यादव के सत्ता से हटते ही अखिलेश यादव संगठन की कुर्सी पर काबिज हो गए और उन्होंने शिवपाल के प्रत्याशियों की लिस्ट को कचरे की पेटी में डाल दिया|
इसी लिस्ट में अमनमणि त्रिपाठी का भी नाम था| यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते ही अमनमणि का टिकट काटकर कौशल किशोर सिंह उर्फ मुन्ना सिंह को टिकट दे दिया था| सपा के नए फरमान से खफा होकर अमनमणि ने खुद निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया और चुनावी मैदान में उतर गए. पार्टी ने अमनमणि के साथ ही उनके सहयोगियों पूर्व विधायक श्याम नारायण त्रिपाठी, सुधीर त्रिपाठी, अजीत मणि त्रिपाठी, राजेश्वर मणि त्रिपाठी, जमाल अहमद और गुड्डू खान को भी पार्टी से बाहर कर दिया|
अमनमणि त्रिपाठी यूपी के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के बेटे हैं| अमनमणि पर अपनी पत्नी सारा की हत्या करने का आरोप है| पिछले साल 9 जुलाई को फिरोजाबाद नेशनल हाई-वे पर एक कार एक्सीडेंट में सारा सिंह की मौत हो गई थी| इस हादसे में अमनमणि त्रिपाठी को कुछ भी नहीं हुआ था| इस मामले में सारा की मां सीमा सिंह की शिकायत के आधार पर अमनमणि के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी| फिलहाल अमनमणि गाजियाबाद की डासना जेल में न्यायिक हिरासत में है|