TIL Desk लखनऊ:पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने आम बजट 2025-26 पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बजट देश के पिछड़े और वंचित तबकों की आशाओं पर खरा नहीं उतरा है। उन्होंने विशेष रूप से पसमांदा मुस्लिम समाज की उपेक्षा पर चिंता जताई और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा इस समाज के कल्याण की बात करते हैं, लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बजट में उनके लिए कोई ठोस प्रावधान नहीं किया।
अनीस मंसूरी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कई बार अपने भाषणों में पसमांदा मुसलमानों के विकास पर जोर दिया है उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं को भी इस समाज के बीच जाने और सरकार की योजनाओं को उन तक पहुंचाने के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद, बजट में इस वर्ग की उपेक्षा करना दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने मांग की कि सरकार पसमांदा मुसलमानों की शिक्षा, रोजगार और सामाजिक सशक्तिकरण के लिए विशेष पैकेज की घोषणा करे। उन्होंने कहा कि देश की विकास यात्रा में इस समाज की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए आर्थिक और सामाजिक योजनाओं की जरूरत है। मंसूरी ने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री मोदी इस मामले में हस्तक्षेप करेंगे और पसमांदा मुसलमानों के उत्थान के लिए ठोस कदम उठाएंगे।