नई दिल्ली डेस्क/ गरीब और निम्न मध्यमवर्गीय लोगों को सस्ते घर प्रदान करने के लिए मोदी सरकार बेनामी संपत्तियों को नीलाम कर सकती है, सचिवों के समूह ने केंद्र सरकार को सौंपी अपनी सिफारिशों में यह सलाह दी है |
इसके अलावा सचिवों के समूह ने मार्च, 2018 तक देश में जन-औषधि केंद्रों की संख्या 10 गुना तक बढ़ाने और जेनेरिक दवाएं न लिखने वाले डॉक्टरों पर पेनल्टी लगाने जैसे सुझाव भी दिए गए हैं | सचिवों के समूह ने अपनी सिफारिश में यह भी कहा है कि 90 फीसदी ब्रैंडेड दवाएं जेनेरिक दवाइयों के मुकाबले 5 गुना तक महंगी मिलती हैं |
बेनामी संपत्तियों को बेचने की सलाह सरकार को ऐसे समय पर दी गई है, जब वह काले धन के खिलाफ कदम उठाने के प्रयास कर रही है | केंद्र को दी गई सिफारिश में स्पष्ट कहा गया है कि यह खुला तथ्य है कि कालेधन का बड़ा हिस्सा बेनामी संपत्ति की खरीद में निवेश किया जाता है | ऐसी संपत्तियों को बेचकर हासिल की गई रकम को वहनीय आवासीय योजना में खर्च किया जा सकता है, इससे गरीबों के लिए घर की कीमत कम की जा सकेगी |