यूपी डेस्क/ भोपाल-पैसेंजर ट्रेन ब्लास्ट के आतंकियों ने कानपुर के ही एक गन हाउस से कारतूस का जखीरा खरीदा था। एटीएस ने गन हाउस मालिक को गिरफ्तार कर इसका खुलासा किया। उससे आतंकी सैफुल्लाह ने कारतूस खरीदा था। जिसे एटीएस ने लखनऊ में मुठभेड़ में मारा था। एटीएस को उसके पास से जिलाधिकारी समेत अन्य अफसर, विभिन्न गन हाउस और शिक्षण संस्थाओं की नकली मोहर व फर्जी विक्रय रजिस्टर भी बरामद हुआ है। एटीएस ने उसको पूछताछ के बाद जेल भेज दिया।
एटीएस को आतंकियों से पूछताछ में एलआरएस आर्म्स एंड एम्यूनिशन गन हाउस का पता चला था। यह गन हाउस कानपुर के गीतानगर में है। जिसका मालिक राघवेंद्र सिंह चौहान है। एटीएस ने आतंकियों से मिले सुराग पर दो दिन पहले एसपी पूर्वी के साथ छापा मारा था। एटीएस ने जब उसका स्टॉक और सेल रजिस्टर चेक किया तो राघवेंद्र का फर्जीवाड़ा सामने आ गया। पता चला कि उसके रजिस्टर में कारतूस खरीदने की तो इंट्री है, लेकिन उसके सेल की कोई इंट्री नहीं है।
इंट्री रजिस्टर के मुताबिक उसने मेस्टन रोड स्थित खन्ना गन हाउस और सेवा सदन गन हाउस से कारतूस तो खरीदे थे, लेकिन राघवेंद्र केपास उसकेसेल का कोई रिकॉर्ड नहीं था। एटीएस ने जब उससे पूछताछ की तो पहले उसने अफसरों को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन एटीएस ने उससे कड़ाई से पूछताछ की तो उसने आतंकी सैफुल्लाह और उसके साथियों को 700 कारतूस देने की बात कबूल कर लिया।
एटीएस ने जब गन हाउस के पते पर छापा मारा तो वहां पर ज्वैलरी शॉप थी। जिसे देख एटीएस को लगा कि वे गलत जगह आ गए है, लेकिन जब उन्होंने आसपास के लोगों से पूछा तो उन्होंने ज्वैलरी शॉप से ही कारतूस की सप्लाई के बारे में बताया। इसकेबाद एटीएस ने राघवेंद्र को उठा कर पूछताछ की तो उसने बताया कि वो ज्वैलरी शॉप से ही गन हाउस का काम देखता है।