TIL Desk नई दिल्ली/ सुप्रीम कोर्ट ने बुलंदशहर में मां-बेटी से गैंगरेप मामले में यूपी के कैबिनेट मंत्री आजम खान का माफीनाम मंजूर कर लिया है। गुरूवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मंत्री को हिदायत दी कि वे आगे से इस तरह की बयानबाजी करने से बचें। याचिकाकर्ता की अपील पर 18 फरवरी को दोबारा सुनवाई होगी। बता दें, NH-91 के पास 29 जुलाई की रात मां और उसकी 14 साल की नाबालिग बेटी से गैंगरेप किया गया था।
कोर्ट की पहली सुनवाई में मंत्री आजम खान ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया था कि गैंगरेप के पीछे राजनीतिक साजिश है | आजम खान की ओर से वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि आजम ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया था कि गैंगरेप राजनीतिक साजिश है | उनके बयानों को तोड़मरोड़कर पेश किया गया वह इसका रिकॉर्ड भी दिखाने को तैयार हैं | जबकि सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के मंत्री आजम खान को कहा कि आप इस आरोप का जवाब दीजिए कि आपने यह बयान दिया था कि गैंगरेप के पीछे राजनीतिक साजिश है |
कोर्ट ने कहा कि इतने सारे अखबार कैसे गलत खबर छाप सकते हैं. प्रैस की भी देश के प्रति जवाबदेही होती है, इस मामले की जांच होनी चाहिए | पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान के हलफनामे को नामंज़ूर कर दिया था | कोर्ट ने आजम खान को दोबारा बिना शर्त माफीनामे का हलफनामा 17 नवंबर तक दाखिल करने को कहा था | हलफनामे के मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने आज़म के खिलाफ कार्यवाही बंद करने के आदेश दे दिए है |