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वक्फ बिल पर वोटिंग के लिए भाजपा ने व्हिप जारी कर दी है और अपने सभी सांसदों से लोकसभा में मौजूद रहने को कहा

नई दिल्ली
लोकसभा में बुधवार को वक्फ संशोधन विधेयक पर वोटिंग होनी है। इसके लिए भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने कमर कस ली है। यहां तक कि भाजपा ने मंगलवार को ही व्हिप जारी कर दी है और अपने सभी सांसदों से लोकसभा में मौजूद रहने को कहा है। पार्टी की ओर से जारी व्हिप में कहा गया कि बुधवार को सदन में अति महत्वपूर्ण विधायी कार्य है। उन्हें पारित करने के लिए सभी लोग पार्टी का समर्थन करें और वोटिंग करें। व्हिप में सभी सांसदों से पूरे दिन सदन में ही मौजूद रहने को कहा गया है। भाजपा के पास लोकसभा में 240 सांसद ही हैं।

सरकार जेडीयू और टीडीपी पर निर्भर है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि इस विधेयक को लेकर किस दल का क्या रुख रहेगा। अब तक चिराग पासवान की पार्टी लोजपा-आर ने खुलकर समर्थन नहीं किया है, लेकिन विपक्ष को मुसलमानों को डराने से बचने की नसीहत दी है। इसी तरह जेडीयू का स्टैंड भी क्लियर नहीं है। ललन सिंह ने कहा कि हम लोकसभा में ही अपना रुख स्पष्ट करेंगे। इसके चलते सस्पेंस भी बढ़ गया है कि आखिर क्या होगा। वहीं संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने दावा किया है कि सरकार को अपने सहयोगी दलों के अलावा विपक्ष के भी कुछ सांसदों का समर्थन हासिल है।

सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि विधेयक पर सदन में आठ घंटे की प्रस्तावित चर्चा के बाद अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू जवाब देंगे। इस विधेयक को पारित कराने के लिए सदन की मंजूरी लेंगे। सूत्रों ने बताया कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई। पिछले साल विधेयक पेश करते समय सरकार ने इसे दोनों सदनों की एक संयुक्त समिति को भेजने का प्रस्ताव किया था। समिति द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत किये जाने के बाद उसकी सिफारिश के आधार पर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मूल विधेयक में कुछ बदलावों को मंजूरी दी थी।

बहस के बाद मीटिंग छोड़ आए विपक्ष के नेता
कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में विपक्ष ने विधेयक पर चर्चा के लिए 12 घंटे का समय आवंटित करने की मांग की, जबकि सरकार ने कम समय रखने पर जोर दिया ताकि अन्य विधायी कामकाज निपटाया जा सके। इस मुद्दे पर बीएसी बैठक में सरकार और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई और विपक्षी दलों के नेता बैठक छोड़कर बाहर आ गए। हालांकि बाद में रीजिजू ने संसद परिसर में मीडिया से कहा कि कुछ दल चार से छह घंटे की चर्चा चाहते थे, वहीं विपक्ष 12 घंटे की चर्चा कराने पर अड़ा रहा।

चर्चा के लिए स्पीकर ने तय किया 8 घंटे का वक्त
उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ने चर्चा के लिए आठ घंटे निर्धारित किए हैं और सदन की भावना के अनुरूप इस अवधि को बढ़ाया जा सकता है। रीजिजू ने इस बात पर हैरानी जताई कि विपक्ष ने बीएसी की बैठक से वॉकआउट क्यों किया? रीजिजू ने कहा कि वह बुधवार को 12 बजे निचले सदन में प्रश्नकाल समाप्त होते ही विधेयक को चर्चा और पारित कराने के लिए रखेंगे। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए दावा किया कि कुछ दल चर्चा से बचने के लिए बहाने बना रहे हैं।

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