बागपत डेस्क/ हरियाणा-बागपत सीमा पर कांठा गांव में यमुना नदी में नाव डूब जाने से 20 लोगों की मौत और उसके बाद हुई हिंसा के मामले में प्रशासन ने नाविक और 50 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। वहीं इस हादसे में लापता लोगों के बचाव के लिए आज भी राहत अभियान जारी है। गुरुवार सुबह कांठा गांव में यमुना नदी में नाव डूब जाने से 40 से ज्यादा यात्री डूब गए। प्रशासन ने 20 शव मिलने की पुष्टि की जबकि प्रत्यक्षदर्शियों ने 25 शव मिलने का दावा किया है। करीब 20 लोग लापता हैं।
डीएम व एसपी के देर से मौके पर पहुंचने से भड़के लोगों ने दिल्ली-सहारनपुर हाई-वे जाम कर दिया। कुछ अफसरों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, एसडीएम और पुलिस की एक-एक गाड़ी व एक एम्बुलेंस के अलावा कई और गाड़ियां भी फूंक दीं। सरकार ने हादसे की मैजिस्ट्रेटी जांच के साथ ही मारे गए लोगों के परिवारीजनों को मुआवजा देने का ऐलान किया है। कांठा गांव के लोगों की जमीन यमुना नदी से लगी हरियाणा की सीमा में है।
यहां से कई किसान और मजदूर रोज की तरह गुरुवार सुबह करीब 6:30 बजे नाव से निकले। बीच नदी में नाव पलट गई। 20 लोग तैरकर निकल आए लेकिन 40 से ज्यादा डूबने लगे। स्थानीय लोगों ने डूबे लोगों को बाहर निकलना शुरू कर दिया। जिला मुख्यालय से हादसे वाली जगह केवल 6 किमी दूर है लेकिन डीएम भवानी सिंह खंगारोत 9 बजे और प्रभारी एसपी राजवीर सिंह करीब 9:30 बजे मौके पर आए। इस पर भड़के लोगों ने अफसरों को दौड़ा लिया और हिंसा शुरू हो गई। इलाके में पीएसी तैनात है।