State, Uttar Pradesh, हिंदी न्यूज़

गाँधी-नेहरू के बजाय पटेल और दीनदयाल को पढ़ना जरूरी

गाँधी-नेहरू के बजाय पटेल और दीनदयाल को पढ़ना जरूरी

यूपी डेस्क/ भारतीय जनता पार्टी देश के सबसे बड़े सूबे में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी वर्ष को अपने तरीके से मनाने की तैयारी कर रही है। उत्तर प्रदेश के स्कूलों में पंडित दीनदयाल पर आधारित एक किताब के जरिए सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता कराए जाने की योजना है जिसके जरिए बच्चों को पंडित दीनदयाल के बारे में बताया जाएगा । 26 अगस्त को बीजेपी इस विषय पर स्कूलों में प्रतियोगिता कराएगी। लेकिन, इस परीक्षा के लिए बनी किताब के सामने आते ही विवाद के स्वर उठने लगे हैं। जिस तरीके से इस किताब में सवाल हैं वो विपक्षियों को खासे चुभ रहे हैं ।

इस किताब में देश के महापुरुषों के बारे में बताने वाले अध्याय में महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू के नाम शामिल नहीं किए गए हैं । जबकि अंबेडकर और वल्लभ भाई पटेल को जगह मिली है। वहीं, किताब में भारत के पहले राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष, उप प्रधानमंत्री का तो जिक्र है लेकिन पहले प्रधानमंत्री के बारे में पूछा तक नहीं गया है ।

समसामायिकी के विषय में लगभग सभी सवाल मोदी सरकार में शुरू की गई योजनाओं से जुड़ें हैं तो कुछ अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के समय से जुड़े हैं । इस किताब में पर्यटक स्थलों के नाम पर केवल हिंदू तीर्थ से जुड़े शहरों का ही उल्लेख है वहीं, सांस्कृतिक अध्याय में ज्योतिर्लिंग, मंत्र, धाम और मंदिर का तो उल्लेख है लेकिन किसी और मुस्लिम दरगाह या मजार का कहीं कोई जिक्र नहीं है ।

कुछ सवाल किसी खास तरीके से पूछे गए हैं जिस पर विपक्षी पार्टियां खास तौर पर विरोध कर रही हैं जैसे कि एक सवाल में पूछा गया है कि किस मुस्लिम आक्रांता को राजा सोहलदेव ने गाजर मूली की तरह काट दिया था । इसके जवाब में सैय्यद सालार मसूद गाजी का नाम है । साथ ही एक अन्य सवाल में पूछा गया है कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय की मृत्यु के समय देश का प्रधानमंत्री कौन था जिसका जवाब इंदिरा गांधी बताया गया है ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *