नई दिल्ली डेस्क/ केंद्र सरकार ने चौबीसों घंटे दुकान, शापिंग मॉल और सिनेमा हॉल सहित दूसरे व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को खोलने वाले एक मॉडल कानून को बुधवार को मंजूरी दे दी। इस कदम का मकसद रोजगार सृजन और खपत आधारित वृद्धि को बढ़ावा देना है। इसके साथ ही इस कानून में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था के साथ महिलाओं को रात की पाली में काम पर लगाने की इजाजत दी गई है। साथ ही पीने के पानी, कैंटीन, प्राथमिक चिकित्सा व बच्चों के लिए क्रेच जैसी सुविधाओं के साथ कार्य स्थल का अच्छा वातावरण रखने का प्रावधन किया गया है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस विधेयक का असल मकसद रोजगार को मौके बढ़ाना है। जैसे कि मॉल का मामला है जो सातों दिन खुले रहते हैं और जहां तय कामकाजी घंटे नहीं हैं। उन सभी दुकानों को समय व दिन चुनने की अनुमति दी जानी चाहिए जिनमें कर्मचारियों की संख्या 10 या इससे ज्यादा है। इससे पहले कैबिनेट की बैठक में ‘द मॉडल शाप्स एंड इस्टेबलिशमेंट (रेग्यूलेशन ऑफ प्लायमेंट एंड कंडीशन ऑफ सर्विसेज) बिल 2016’ को को मंजूरी दी गई। इस कानून के दायरे में वे सभी प्रतिष्ठान आएंगे जिनमें 10 या इससे ज्यादा कर्मचारी हैं। लेकिन यह कानून विनिर्माण इकाइयों पर लागू नहीं होगा। यह कानून इन प्रतिष्ठानों को खुलने व बंद करने का समय अपनी सुविधा के अनुसार तय करने और साल के 365 दिन परिचालन की इजाजत देता है। इस माडल कानून के लिए संसद की मंजूरी की जरूरत नहीं होगी। वित्त मंत्री ने कहा कि चूंकि यह राज्य के विषय पर एक मॉडल विधेयक है, इसलिए इसेराज्यों को भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस विधेयक में अनिवार्य अवकाश का उल्लेख है और इसमें महिलाओं को रात की पाली में काम करने की अनुमति का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि इस कानून में परिवहन व अन्य सुविधाओं के लिए प्रावधान है।
जेटली ने कहा- दुकानों व प्रतिष्ठानों के पास ज्यादा समय तक खुले रहने की आजादी होगी और इसके लिए ज्यादा श्रम बल की जरूरत पड़ेगी। यह आइटी व जैव प्रौद्योगिकी जैसे उच्च दक्ष कर्मचारियों के लिए दैनिक कामकाजी घंटों (नौ घंटे) और साप्ताहिक कामकाजी घंटों (48 घंटे) में भी छूट देता है। इस कानून को विधायी प्रावधानों में समानता लाने के लिए तैयार किया गया है जिससे सभी राज्यों के लिए इसे लागू करना आसान होगा और देश भर में समान कामकाजी माहौल सुनिश्चित होगा।