चेन्नई डेस्क/ तमिलनाडु की जनता आज विधानसभा पर अपनी नजर गड़ा कर बैठी है कि कब मुख्यमंत्री पलानीस्वामी बहुमत साबित कर लेते है ।लेकिन इसी बीच जो घटना हुई उससे जनता की उम्मीद टूटती नजर आ रही है। मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने गुरुवार को शपथ ली और राज्यपाल ने उन्हें शक्ति परीक्षण के लिए 15 दिन का वक्त दिया, लेकिन विधायकों को लेकर बरकरार अनिश्चितता को देखते हुए उन्होंने 2 दिन बाद ही विधानसभा का खास सत्र बुलाकर बहुमत दिखाने का फैसला किया।
पन्नीरसेल्वम ने कहा कि ये बात सभी जानते हैं कि विधायकों को कोवाथुर रिजॉर्ट में रखा गया था। सबसे पहले लोगों की आवाज़ सुननी चाहिए उसके बाद विधानसभा के अंदर बहुमत साबित किया जाना चाहिए। पन्नीरसेल्वम ने कहा कि मैं यह अपील करता हूं कि सीक्रेट बैलेट हो। ओ. पन्नीरसेल्वम धड़े के प्रेसिडियम चेयरमैन मधुसुदन ने विधानसभा में चीफ व्हिप के तौर पर एस सेम्मलई को नियुक्त किया। इसके साथ ही पन्नीरसेल्वम खेमे के एआईएडीएमके विधायकों ने नारे लगाकर विधानसभा में गुप्त विश्वासमत के दौरान गुप्त वोटिंग कराए जाने की मांग की।
पलनीस्वामी ने हालांकि बहुमत साबित कर लेने का दावा किया है, लेकिन उनकी राह आसान नहीं दिखती। एक तरफ जहां उन्हें अपनी ही पार्टी में पन्नीरसेल्वम खेमे के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, विपक्षी दल द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने विश्वास मत का विरोध करने की बात कही है, जबकि कांग्रेस ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं।
तमिलनाडु विधानसभा में 234 सीटें हैं और विधानसभा में एआईएडीएमके के 134 विधायक हैं| अब बहुमत के लिए 118 विधायकों के समर्थन की ज़रूरत है। आर नटराज के खिलाफ जाने के बाद भी पलानीसामी गुट का दावा है कि उनके पास बहुमत से 5 ज्यादा 123 विधायकों का समर्थन है।