लखनऊ डेस्क/ पिछले दिनों योगी सरकार ने प्रदेश के 150 एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) एंबुलेंस की सौगात दी | दावा किया गया कि 108 नंबर पर उपलब्ध ये एंबुलेंस गंभीर से गंभीर मामले में पीड़ित की जान बचाने में अहम योगदान देंगीं | सीएम ने कहा कि इसके बाद 100 और एंबुलेंस जल्द ही जारी की जाएंगीं | लेकिन सरकार के इस दावे की हकीकत चौबीस घंटे के अंदर ही दिखाई देने लगी |
उद्घाटन के बाद कई एंबुलेंस दोबारा वर्कशॉप पहुंच गईं, जहां इनमें फैब्रिकेशन और उपकरण इंस्टॉल करने का काम हो रहा है | साफ है कि योजना को आधी-अधूरी तैयारी के साथ लांच कर दिया गया | राजधानी के रमाबाई अंबेडकर मैदान में खड़ी दर्जनों एंबुलेंस में एक भी उपकरण लगा नहीं मिला | कायदे से इनमें ट्रांसपोर्टर वेंटीलेटर,कार्डियक मॉनीटर, ईसीजी मशीन,डिफेलिरेटर, इंडोट्रैकियल ट्यूब, लैरिंगो स्कोप, इमरजेंसी ऑक्सीजन सर्किट कनेक्शन, लैरिंगियल, एंबुबैग, मास्क एयर-वे, इमरजेंसी लाइफ सेविंग ड्रग्स, समेत तमाम उपकरण लगने हैं |
मामले में जीवीकेईएमआरआई के स्टेशन आॅपरेशन हेड जितेंद्र वालिया कहते हें कि हमारी सभी गाड़ियां तैयार थीं | सिर्फ 11 एंबुलेंस में दिक्कत थीं | इन्हें वर्कशॉप में भेजा गया था | रमाबाई में खड़ी एंबुलेंस में उपकरण चोरी न हो जाएं, इसलिए निकाल लिए गए थे | जल्द ही सभी वाहन कंप्लीट कराकर जनपदों को भेज देंगे | वहीं मामले में प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अरुण कुमार सिन्हा ने अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें तो 15 दिन पहले सभी एंबुलेंस तैयार होने की रिपोर्ट दी गई थी | बगैर उपकरण लगाए एंबुलेंस का उद्घाटन में शामिल करना गलत है | मामले में एनएचएम के निदेशक आलोक कुमार निरीक्षण करने की बात करते हुए कहते हैं कि उन्हें उद्घाटन से पहले सभी एंबुलेंस कंप्लीट होने की जानकारी दी गई थी | अब 11 अनकंप्लीट एंबुलेंस के बारे में पता चला है | मैं सभी गाड़ियों का निरीक्षण कराऊंगा कि उपकरण मानक अनुसार लगे हैं कि नहीं |