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कॉलेजों ने एमबीबीएस कोर्स में दाखिला लेने वाले छात्रों की डिटेल्स नहीं की अपलोड, NMC बोला – रजिस्ट्रेशन की परमिशन ही नहीं

नई दिल्ली  

नेशनल मेडिकल कमीशन ने स्पष्ट किया है कि अगर किसी छात्र की जानकारी कॉलेज के पोर्टल पर अपलोड नहीं की गई है, तो वह डॉक्टर के रूप में रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाएगा। यानी कि मेडिकल कॉलेज की लापरवाही के चलते एमबीबीएस की डिग्री पूरी करने लेने के बाद भी स्टूडेंट्स का भविष्य अधर में लटक सकता है।

हजारों छात्रों की जानकारी अब भी पोर्टल पर नहीं
एकेडमिक सेशन 2024-25 के लिए पूरे भारत में MBBS की करीब 1.18 लाख सीटें हैं, लेकिन अब तक केवल 1.15 लाख छात्रों की जानकारी ही NMC पोर्टल पर अपलोड की गई है। इसका मतलब है कि करीब 3,000 छात्रों की जानकारी अभी भी अपूर्ण या गायब है।

एनएमसी ने नोटिस में क्या कहा?
एनएमसी ने अपने नोटिस में कहा कि कुछ कॉलेजों ने एमबीबीएस कोर्स में दाखिला लेने वाले छात्रों की डिटेल्स अपलोड नहीं की है और कुछ कॉलेजों ने अधूरा डेटा अपलोड किया। विभिन्न परिपत्र और सार्वजनिक नोटिस जारी करने के बावजूद, यह पाया गया है कि शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के लिए कुल 1,15,250 छात्रों ने दाखिला लिया है और उनकी डिटेल्स एनएमसी पोर्टल पर अपलोड किया गया है।
एनएमसी ने कहा कि जिन छात्रों की डिटेल्स पोर्टल पर अपलोड की गई है, वे भारत में आधुनिक चिकित्सा/एलोपैथ की प्रैक्टिस करने के लिए रजिस्ट्रेशन के लिए एलिजिबल होंगे।

कई मेडिकल कॉलेजों ने छात्रों की जरूरी जानकारी जैसे नाम, रोल नंबर, मेरिट नंबर, डेट ऑफ बर्थ और एडमिशन डेट जैसे डाटा अपलोड नहीं किए हैं। कुछ संस्थानों ने तो बिना योग्यता के छात्रों को भी प्रवेश दे दिया, जिससे नियमों का उल्लंघन हुआ है।

डेडलाइन बढ़ाने के बाद भी अपलोड नहीं की जानकारी
NMC ने पहले 8 नवंबर 2024 तक डाटा अपलोड करने की आखिरी तारीख तय की थी, जिसे बढ़ाकर 23 नवंबर और फिर 10 दिसंबर 2024 कर दिया गया। इसके बावजूद कई कॉलेजों ने जरूरी जानकारी अपलोड नहीं की। अब NMC ने साफ चेतावनी दी है कि जिन छात्रों की जानकारी पोर्टल पर नहीं है, उन्हें रजिस्ट्रेशन की परमिशन ही नहीं दी जाएगी।

योग्यता के नियमों में भी हो रही हैं गड़बड़ियां
इतना ही नहीं जांच में तो यह भी सामने आया कि कई मेडिकल कॉलेज ऐसे हैं, जिन्होंने 12वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी में 50% से कम अंक हासिल करने वाले छात्रों को भी प्रवेश दे दिया। कई संस्थानों ने तो अप्रूव्ड सीट कैपेसिटी से ज्यादा छात्रों को दाखिला दे दिया है।

MBBS छात्रों के लिए जरूरी सलाह
NMC ने सभी MBBS छात्रों को सलाह दी है कि वे तुरंत अपने कॉलेज या काउंसलिंग अथॉरिटी से संपर्क करें और सुनिश्चित करें कि उनकी जानकारी NMC पोर्टल पर दर्ज है। अगर डाटा अपलोड नहीं हुआ है, तो जल्द से जल्द इसे सही करवाएं। ऐसे में अब मेडिकल में करियर बनाने की चाह रखने वाले स्टूडेंट्स के लिए नीट यूजी क्वालिफाई कर लेना ही डॉक्टर बनने की आखिरी सीढ़ी नहीं है। छात्रों को खुद अवेयर रहना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि उनका मेडिकल कॉलेज NMC के नियमों को फॉलो कर रहा है। वरना डिग्री होने के बाद भी आपके कॉलेज की लापरवाही आपके भविष्य को भारी नुकसान पहुंचा सकती है।

क्या है एमबीबीएस में दाखिले की पात्रता?

    12वीं में PCB में कम से कम 50% अंक (आरक्षित वर्ग के लिए 40%) जरूरी।
    NEET-UG पास करना अनिवार्य है।
    जनरल केटैगरी के कैंडिडेट्स के लिए NEET में कम से कम 50 परसेंटाइल जरूरी है।
    PwD कैंडिडेट्स के लिए 45 परसेंटाइल और SC/ST/OBC के लिए 40 परसेंटाइल मेंडेटरी है।
    अन्य शैक्षणिक और आयु संबंधी योग्यता भी जरूरी है।

NMC की सख्ती क्यों जरूरी है?
मेडिकल सेक्टर में योग्य और प्रशिक्षित प्रोफेशनल्स की जरूरत होती है। अगर कॉलेज ही नियमों की अनदेखी करें, तो न केवल छात्रों का करियर खतरे में पड़ता है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की क्वालिटी पर भी इसका असर देखने को मिलता है।

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