नई दिल्ली डेस्क/ संसद के मानसून सत्र के दोनों सदनों (राज्यसभा और लोकसभा) में कांग्रेस ने उना में दलित नौजवानों पर हुए हिंसा का मामला उठाया। विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बयान देते हुए घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। उन्होंने कहा कि जो कुछ भी हुआ है वह गलत था और पीएम नरेंद्र मोदी भी इस इस घटना से बहुत आहत थे।
राजनाथ सिंह ने घटना को निंदनीय करार देते हुए कहा, ‘इस घटना की जितनी भी निंदा की जाए वह कम है। पीएम मोदी ने विदेश से लौटते ही 12 जुलाई को मुझसे बात की थी और घटना की जानकारी ली थी। वह इससे बहुत आहत थे।’ मामले में जानकारी देते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मामले में अब तक 9 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। युवक मृत जानवर की शरीर का खाल निकाल रहे थे।
गृह मंत्री ने आगे कहा कि मामले की जांच राज्य सरकार ने सीआईडी (क्राइम) को जांच सौंपी है। मामले को ट्रायल स्पेशल कोर्ट में कराने की भी कोशिश जारी है। उन्होंने कहा, ‘मामले की जांच में राज्य सरकार अच्छा काम कर रही है। दलितों पर अत्याचार सामाजिक बुराई है। कुछ लोगों ने युवकों की पिटाई की, जिनके खिलाफ तेजी से कार्रवाई की गई।’
लोकसभा में राजनाथ सिंह ने विपक्ष को घेरते हुए कहा कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद दलितों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं में कमी आई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में दलितों पर अधिक अत्याचार हुआ। हालांकि उनके ऐसा कहते ही सदन में विपक्ष का शोर बढ़ गया। आलम यह रहा है कि गृह मंत्री को कई बार अपना बयान बीच में रोकना पड़ा।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बयान पर आपत्ति और नाराजगी जाहिर करते हुए कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि अगर सरकार को इतना ही दुख है तो वह संसदीय जांच का ऐलान करे। जेपीसी मौके पर जाकर जांच करे।