TIL Desk लखनऊ:सहकारिता भवन सभागार में रविवार शाम संगीत प्रेमियों के लिए एक यादगार शाम बन गई, जब ‘राग रंग” संस्था द्वारा प्रस्तुत संगीतमय कार्यक्रम ‘दिल की आवाज़’ ने दर्शकों के दिलों को छू लिया।
यह कार्यक्रम उन प्रतिभाशाली गायकों की प्रस्तुतियों से सजा, जो समाज के विभिन्न क्षेत्रो से आते हैं और अपने-अपने पेशों के बावजूद संगीत को अपना जुन्न मानते हैं। पेशेवर न होते हुए भी इन गायकों ने “पंचम बैंड के साथ अपने सुरों से ऐसा जादू बिखेरा कि हर कोई मंत्रमुग्ध हो गया। कार्यक्रम में 1950 के दशक से लेकर वर्तमान समय तक के लोकप्रिय बॉलीवुड गीतों को प्रस्तुत किया गया। सोलो प्रस्तुतियों के साथ-साथ मनमोहक युगल गीतों ने ‘सभागार एक मधुर और भावनात्मक वातावरण बना दिया, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।
पुरुष गायकों में डी.के. मेंघी,अनूप सिन्हा, सिद्धर्थ शुक्ला,मनोज कपूर,आनंद कृष्णा, डॉ.राजेश श्रीवास्तव, शिवा, प्रवीण श्रीवास्तव, संजय अबरोल और गौरव श्रीवास्तव शामिल रहे। वहीं महिला गायिकाओं में पूनम, श्वेता दीक्षित, शिखा अबरोल और सीमा वीर्मानी ने अपनी मधुर आवाज़ से समां बांधा।
हर प्रस्तुति में गायक-गायिकाओं का समर्पण, भावना और संगीत के प्रति प्रेम साफ झलक रहा था। ‘दिल की आवाज़़’ सिर्फ एक संगीत कार्यक्रम नहीं, बल्कि यह एक भावनात्मक यात्रा थीं, जिसने यह सावित कर दिया कि संगीत दिलों को जोड़ता है और हर वर्ग के व्यक्ति को एक मंच पर ला सकता है।
कार्यक्रम के अंत में दर्शकों की तालियों की गूंज और चेहरे पर मुस्कान इस बात का प्रमाण थी कि राग रंग का यह प्रयास बेहद सफल रहा और संस्था की ओर से नए गायकों को मंच देने की दिशा में यह एक सराहनीय कदम था |