TIL Desk नई दिल्ली/ चुनाव आयोग ने हाल ही में पांचों राज्यों में होने वाले चुनावों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर बैठक की थी। साथ ही राज्यों से कहा कि वह आयोग से बिना विचार-विमर्श किए बोर्ड परीक्षाओं के कार्यक्रमों की घोषणा नहीं करें। यूपी, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों की घोषणा चुनाव आयोग 28 दिसंबर से 2 जनवरी के बीच करने की तैयारी में है,चुनाव आयोग जिसके चलते अगले साल होने वाली बोर्ड परीक्षाओं की तरीखों पर आयोग ने रोक लगा दी है |
पांच राज्यों में से गोवा, मणिपुर और पंजाब में विधानसभाओं का कार्यकाल 18 मार्च को समाप्त हो रहा है जबकि उत्तराखंड विधानसभा का कार्यकाल 26 मार्च और यूपी विधानसभा का कार्यकाल 27 मई को समाप्त हो रहा है। इन राज्यों के शिक्षा बोर्ड मार्च से लेकर मई तक परीक्षाओं के आयोजन की तैयारी करते हैं। ऐसे में आयोग की पहली प्राथमिकता है कि किसी भी सूरत में परीक्षाओं की तिथियां मतदान के बाद ही पड़े। आने वाले दो दिनों में फैसला होने की सम्भवना जताई जा रही है | आयोग की बैठक में 28 दिसंबर से 2 जनवरी तक पांचों राज्यों, खासतौर पर यूपी और उत्तराखंड के चुनावों की घोषणा करने पर सहमति बनी है।
राज्यों में तैनात चुनाव अधिकारियों की रिपोर्ट पर भी विचार कर लिया है। इन रिपोर्ट में यूपी और उत्तराखंड की बोर्ड परीक्षाओं के आयोजन का जिक्र किया गया है। गोवा, मणिपुर व पंजाब विधानसभा का 18 मार्च, उत्तराखंड का 26 मार्च व यूपी का 27 मई को विधानसभा का कार्यकाल समाप्त हो रहा है |