यूपी डेस्क/ जिले के सैकड़ों किसानों ने कॉपरेटिव और नैशनलाइज बैंकों से भी कर्ज ले रखा है। जिले में ऐसे ही करीब 15 हजार किसान बताए जा रहे हैं। जबकि कर्ज माफी के दायरे वाले किसानों की कुल संख्या 50 हजार के करीब बताई जा रही है, लेकिन एक लाख रुपये तक की कर्ज माफी के चक्कर में कॉपरेटिव बैंकों से कर्ज लिए किसान अपना आधार नंबर बैंकों को नहीं दे रहे हैं।
एडीएम वित्त एवं राजस्व शत्रुघ्न सिंह ने बताया कि डीएम कौशलराज शर्मा के निर्देश पर जिले के सभी कर्ज माफी वाले किसानों का बैंकों से ब्योरा मिल गया है। जो 15 फीसदी किसान आधार नंबर नही दे रहे हैं, उनके आधार नंबर की पड़ताल के लिए 70 अधिकारियों की तैनाती की गई है।
ये संबंधित किसानों के नाम, पता, पिता का नाम के नाम पर आधार नंबर सर्च करेंगे। इसके लिए UIDAI से संबंधित अधिकारियों के लिए यूजर आईडी और पासवर्ड मांगे गए हैं। जो किसान इससे भी ढूंढे नहीं जा सकेंगे, उनका आधार नंबर जनरेट करवाया जाएगा। इसके लिए तहसील, ब्लॉक या ग्राम पंचायतों में आधार रजिस्ट्रेशन के कैंप लगवाए जाएंगे।