भोपाल डेस्क/ द्वारकापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को राजकीय सम्मान के साथ हज़ारों लोगों की मौजूदगी में अंतिम विदाई दी गई। साथ ही उनके उत्तराधिकारियों की भी घोषणा कर दी गई है। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने 99 वर्ष की आयु में रविवार को अंतिम सांस ली थी। शंकराचार्य को समाधि दिए जाने से पहले उनकी पार्थिव देह केा दूध से स्नान कराया गया, 108 कलश से जलाभिषेक हुआ और चंदन के लेप के बाद उनकी अंतिम यात्रा निकली। उन्हें पालकी में समाधि स्थल तक ले जाया गया, जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ समाधि दी गई।
द्वारकापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के उत्तराधिकारियो के नामों का ऐलान कर दिया गया है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को ज्योतिषपीठ बद्रीनाथ और स्वामी सदानंद सरस्वती को द्वारका शारदा पीठ का प्रमुख घोषित किया गया है। इन दोनों के नाम की घोषणा शंकरचार्य की पार्थिव देह के सामने स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के निजी सचिव स्वामी सुबुधानंद सरस्वती ने की।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नरसिंहपुर जिले के परमहंसी गंगा आश्रम झोतेश्वर पहुंच कर श्री द्वारका शारदापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रद्धा-सुमन अर्पित किए। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि स्वामी जी सनातन धर्म के ध्वजवाहक और हमारी संस्कृति एवं जीवन मूल्यों के पोषक, योद्धा, सन्यासी थे। उन्होंने देश की आजादी की लड़ाई भी लड़ी। उन्होंने लोगों को सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी और गरीबों, जनजातियों, दलितों की सेवाओं के लिए अनेक प्रकल्प खड़े किए। वे उदभट विद्वान एवं अद्भुत सन्त थे।