हिंदी न्यूज़

पूर्व सांसद आनंद परांपजे ने संजय राउत पर राजनीति करने का आरोप लगाया और इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया

मुंबई
शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत के 'ऑपरेशन सिंदूर' को विफल बताने और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस्तीफा मांगने पर एनडीए नेता हमलावर हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता एवं पूर्व सांसद आनंद परांपजे ने मंगलवार को उन पर राजनीति करने का आरोप लगाया और इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया।

पूर्व सांसद आनंद परांपजे ने कहा, "शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत के बुद्धि पर मुझे तरस आता है कि पूरी दुनिया में 'ऑपरेशन सिंदूर' की सराहना हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में हमने दुनिया को दिखा दिया कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत आतंकवादियों के नौ ठिकानों को हमने ध्वस्त किया। इसके अलावा पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ भारत सरकार ने जो बड़े कदम उठाए हैं, पूरी दुनिया को इसे बताने के लिए कूटनीति भी की जा रही है। भारत सरकार ने सारे विपक्ष को साथ लेते हुए सांसदों के डेलिगेशन विदेशों में भेजे हैं।"

पार्टी लाइन से अलग हटकर बयान देने का अंदेशा जताते हुए उन्होंने कहा, "इस अवसर पर संजय राउत का यह बयान बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। इस समय पूरे देश को, चाहे उसमें सत्ता पक्ष हो या विपक्ष, एक साथ खड़ा होना चाहिए। लेकिन इस वक्त एक जिम्मेदार नेता का ऐसा बयान देना शोभा नहीं देता। राउत की पार्टी के कुछ सांसद भी ऑल पार्टी डेलिगेशन के सदस्य हैं, जिसमें प्रियंका चतुर्वेदी भी हैं। ऐसे में संजय राउत जो बयान दे रहे हैं क्या उसको शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे का समर्थन है या नहीं, यह सवाल भी उठ रहा है।"

परांपजे ने कहा, "पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ हम जो लड़ाई लड़ रहे हैं। उसमें हमारे सैनिकों का मनोबल किसी राजनीतिक बयानबाजी के कारण नीचे नहीं आए, यह भी एक राजनीति पार्टी की जिम्मेदारी बनती है। संजय राउत की तरफ से 'ऑपरेशन सिंदूर' पर राजनीति करना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।"

उल्लेखनीय है कि मुंबई में पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान संजय राउत ने कहा था, " 'ऑपरेशन सिंदूर' सबसे पहले तो एक असफल ऑपरेशन है, लेकिन राष्ट्रहित में विपक्ष इसका और अधिक राजनीतिकरण नहीं करना चाहता है। असली सवाल यह है कि 'ऑपरेशन सिंदूर' की जरूरत क्यों पड़ी।" इसके साथ ही उन्होंने अमित शाह से इस्तीफे की मांग की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *