लखनऊ डेस्क/ लखनऊ के सरोजनीनगर में दरिंदगी की शिकार ब्लड कैंसर से पीड़ित नाबालिग लड़की को उसके दोस्त ने ही दगा दिया। उसने कहा कि शुभम से काफी समय से दोस्ती थी। लेकिन सपने में भी नहीं सोचा था कि वह अपने दोस्त के साथ मिलकर उससे गैंगरेप करेगा। पीड़िता ने बताया वह शुभम पर विश्वास करके ही उसके साथ सुनसान स्थान पर बनी कोठरी में चली गई। लेकिन उसने दोस्ती पर कलंक लगा दिया। रोते हुए पीड़िता बोली कि पुलिस बूथ के पास मिले बुलेट मोटरसाइकिल सवार वीरेंद्र को अच्छा इंसान समझकर मदद मांगी। पिता की उम्र के वीरेंद्र ने भी दरिंदगी कर इंसानियत पर धब्बा लगाया। महिला पुलिसकर्मियों ने ढांढस बंधाया और डॉक्टरी मुआयने के लिए अस्पताल ले गईं।
वहीं, माता-पिता ने बताया कि बेटी शनिवार शाम 4.30 बजे गांव चिल्लावां की साप्ताहिक बाजार सब्जी लेने निकली थी। काफी देर तक न लौटने पर तलाश शुरू की। अनहोनी की आशंका में सारी रात जागते रहे। बेटी भोर 3 बजे अस्तव्यस्त हालत में घर पहुंची। पीड़िता ने बताया कि वह साप्ताहिक बाजार में कुछ सामान लेने निकली थी। वहां शुभम यादव से मुलाकात हुई। दोस्ती के चलते उससे बातचीत की। उसने मोबाइल पर कुछ खास दिखाने की बात कही और दोस्त के साथ उसे भी बाइक पर बैठाया। घुमाते हुए नटकुर के पास सुनसान स्थान पर बनी कोठरी में ले गया। उसके मोबाइल में अश्लील वीडियो क्लिप व फोटो थे। शुभम व उसके दोस्त को छेड़खानी करते देख किशोरी ने विरोध जताया। इस पर दोनों ने उसे मुंह दबाकर गिरा दिया। बीमारी के चलते वह दोनों से मुकाबला करने में नाकाम रही।
ब्लड कैंसर पीड़िता ने कहा कि शुभम व उसके दोस्त की दरिंदगी से बुरी तरह टूट गई थी। किसी तरह खुद को संभाला और पुलिस बूथ के बाहर बैठी थी। दर्द था और ठंड के कारण कांप रही थी। वीरेंद्र को मददगार के रूप में देखा और उसकी मोटरसाइकिल पर बैठ गई। बुलेट सवार ने उसे लिफ्ट देकर दरिंदगी की थी। सिपाहियों ने लड़की से लिफ्ट वाले व्यक्ति का हुलिया पूछा। चौकी इंचार्ज को बताया कि चार बेटियों का पिता वीरेंद्र यादव रात को बुलेट से चौकी के सामने से निकला था। दुष्कर्म पीड़िता ने पुष्टि करते हुए कहा कि दरिंदे ने रास्ते में अपना नाम वीरेंद्र यादव और रायसिंह खेड़ा का निवासी बताया था। एएसपी ने कहा कि सिपाहियों की सजगता से वीरेंद्र की पहचान हुई।