जमशेदपुर डेस्क/ जमशेदपुर के एक स्कूल में परीक्षा के दौरान नकल के शक में शिक्षिका द्वारा कपड़े खुलवाकर तलाशी लिए जाने से आहत होकर नौवीं की एक छात्रा ने घर पहुंचने के बाद केरोसिन छिड़ककर खुद को आग लगा ली। घटना शुक्रवार शाम की है। 90 फीसदी जल चुकी छात्रा को जमशेदपुर के टाटा मेन्स हॉस्पिटल में दाखिल कराया गया है। उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
मामला जमशेदपुर के साकची स्थित शारदामणि गर्ल्स हाईस्कूल का है। छात्रा शहर के सीतारामडेरा थाना क्षेत्र के छायानगर की रहने वाली है। छात्रा का कहना है कि स्कूल की टर्मिनल परीक्षा के दौरान शिक्षिका चंद्रा दास ने उसे चिटिंग के आरोप में पकड़ा। सबके सामने उन्होंने थप्पड़ मारा। इतना ही नहीं, विरोध के बावजूद उन्होंने सभी के सामने कपड़े उतरवाकर उसकी तलाशी ली। उसके पास से कोई चिट नहीं मिली, लेकिन उसे प्रिंसिपल के कमरे में ले जाया गया।
इस घटना से वह अपमानित और शमिंर्दा महसूस कर रही थी। इसलिए उसने शाम में स्कूल से घर लौटने के बाद अपनी बहनों को पड़ोसी के घर भेजकर खुद को आग लगा ली। उसकी चीख सुनकर परिवार और पड़ोस के लोग दौड़े। लपटों से घिरी छात्रा पर पानी डालकर आग बुझाई गई। इसके बाद उसे बेहोशी की हालत में जमशेदपुर के एमजीएम हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां से उसे टाटा मेन हॉस्पिटल रेफर किया गया है।
इधर शिक्षिका चंद्रा दास ने छात्रा के कपड़े उतरवाने के आरोप से इनकार किया है। उन्होंने कहा है कि चिटिंग करते हुए पकड़े जाने पर वह उसे सिर्फ प्रिंसिपल के पास ले गई थीं। क्लास की दूसरी छात्राओं ने बताया था कि उसने कपड़ों में चिट छिपाकर रखा है। स्कूल की प्रिंसिपल गीता रानी महतो के मुताबिक, शिक्षिका चंद्रा दास छात्रा को लेकर उनके कक्ष में आई थी। उन्होंने छात्रा को समझाकर वापस भेज दिया था कि चिटिंग करना अच्छी बात नहीं है। छात्रा ने उनसे इस बात की शिकायत नहीं की थी कि उसके कपड़े उतरवाए गए थे।