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एमबीए के जरिए कैरियर को दें उडान

डाॅ. रघुराम राजन, अजय बंगा, इंदिरा नुई, चंदा कोचर और प्रसून जोशी में क्या समानता है? इन सभी ने अपने-अपने क्षेत्र में शीर्ष कामयाबियां हासिल की है और ये सभी राश्ट्रीय अथवा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आइकन बन चुके हैं। इनमें एक और समानता यह है कि इन सभी ने किसी न किसी बिजनेस स्कूल से एमबीए की पढ़ाई की है। आप भी अपनी मेहनत की बदौलत यह मुकाम हासिल कर सकते हैं।

मौजूदा समय में किसी अच्छे बिजनेस स्कूल से एमबीए की डिग्री किसी भी क्षेत्र में कामयाबी की गारंटी मानी जाती है यही कारण है कि हर साल लाखों इच्छुक छात्र उच्च स्तरीय एमबीए संस्थानों में प्रवेष लेने के लिए कैट, सैट, मैट और केमैट जैसी परीक्षाएं देते हैं। शीर्ष बिजनेस स्कूलों में प्रवेश के लिए कैट, मैट एवं सैट जैसी अत्यंत कठिन परीक्षाओं में अच्छे नम्बर लाने जरूरी है और काफी प्रतिभाशाली और मेहनती छात्र किसी न किसी कारण से कैट, मैट एवं सैट जैसी परीक्षाएं देने से या तो चूक जाते हैं या इनमें अच्छे नम्बर नहीं ला पाते हैं।

ऐसे में आपको निराश होने की जरूरत नहीं है क्योंकि अच्छे संस्थान से एमबीएम करने के लिऐ केमैट (कर्नाटक मैनेजमेंट अप्टीच्युड टेस्ट) के रूप में आपके पास एक और विकल्प होता है। दरअसलं केमैट किसी शैक्षणिक वर्ष में बिजनेस स्कूलों में एमबीए पाठ्यक्रमों में प्रवेश पाने का अंतिम विकल्प भी है जिसके जरिए आप भारत की सिलिकन वैली के रूप में मशहूर बेंगलूर तथा कर्नाटक के 150 प्रमुख बिजनेस स्कूलों में एमबीए पाठ्यक्रम में दाखिला ले सकते हैं। इस साल से केमैट-कर्नाटक की परीक्षा पहली बार नई दिल्ली, नौएडा, लखनउ, इलाहाबाद, कोलकाता, पटना, रांची, इंदौर जैसे 10 से अधिक शहरों में हो रही है। इसके लिए पंजीकरण 10 मई तक चलेगा तथा 29 मई को प्रवेश परीक्षा होगी।

आईआईएम, अहमदाबाद के छात्र रह चुके फ्यूचर ब्रांड के सीईओ संतोष देसाई का कहना है कि एमबीए के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि एमबीए करने के बाद आप केवल मैनेजर नहीं रहते बल्कि एक निर्माता बन जाते हैं। मेरे विचार से आपके लिए जो सबसे महत्वपूर्ण भावी चुनौती है वह यह है कि आप किस तरह से प्रबंधक के काम को अंजाम देते हैं। मैनेजमेंट के संस्थान में आपको सोचने की आजादी होती है और आप चुनौतियांे का सामना करने में सक्षम बनते हैं। हालांकि आपमें सारी खूबिंयां होती है लेकिन अगर आप अच्छे संस्थान से एमबीए की पढ़ाई करते हैं तो आप स्वतंत्र होकर सोचने में सक्षम बन जायेंगे, जो भावी चुनौतियों का सामना करने में मददगार साबित हो सकता है। एमबीए के लिए आपको वैसे ज्ञान और कौशल की जरूरत है जो आपके जीवन के न केवल प्रोफेशनल जीवन में बल्कि व्यक्तिगत जीवन में भी जरूरी है। एमबीएम पाठ्यक्रमों में छात्रों को अपनी निजी एवं संगठनात्मक उत्पादकता को अधिक से अधिक बनाने की क्षमता एवं कौशल को सीखना होता है।

प्रबंधन शिक्षा विशेषज्ञ तथा एमबीएयूनिवर्स डाॅट काॅम के अमित अग्निहोत्री के अनुसार दुनिया भर में नौकरियों एवं रोजगार के क्षेत्र में आर्थिक मंदी छाई है इसके बावजूद अच्छे बिजनेस स्कूल से एमबीए करने वाले छात्रों के लिए बेहतरनी प्लेसमेंट तथा अच्छी खास सैलरी पैकेज में कोई कमी नहीं आई हे। एशियाई विकास बैंक के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था चीन की अर्थव्यवस्था को पीछे छोड़ते हुए 7.4 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है, जबकि चीन की अर्थव्यवस्था के बढ़ने की दर 6.5 प्रतिशत है। मेक इन इंडिया तथा स्टार्ट अप इंडिया के लिए भी अधिक कुशल एवं प्रबंधकीय क्षमताओं वाले प्रोफेशनल्स की जरूरत होगी।

एमबीए शिक्षा विशेषज्ञ एसके अग्रवाल बताते हैं कि जिन छात्रों ने वाणिज्य, मानविकी, कला, कम्प्यूटर अनुप्रयोगों एवं अन्य विशयों में सामान्य स्नातक किया है उनके लिए डाक्टर, इंजीनियर एवं वैज्ञानिक आदि बनना संभव नहीं है लेकिन अगर आप एमबीए की डिग्री हासिल कर लेते हैं तो आप उच्च वेतन वाले प्रबंधक बन सकते हैं। कुछ संस्थानों में एमबीए होना या कोई एडवांस डिग्री होना कुछ खास पद पर नियुक्त होने के लिए जरूरी होती है। बिना अच्छी डिग्री के आगे बढ़ने में दिक्कत होती है, भले ही आप कितने ही अधिक प्रतिभाशाली क्यों न हो। चूंकि मंदी के कारण रोजगार पर भी प्रभाव पड़ा है इसलिए कई कंपनियां कर्मचारियों की छंटनी भी करती हैं लेकिन अगर आपके पास अच्छे संस्थान से एमबीए की डिग्री है तो आपको अतिरिक्त लाभ मिलता है।

अमित अग्निहोत्री का कहना है कि आईआईएम, एफएमएस, एमआईएमएस बेगलूर, आईएफआईएम बेंगलूर, आईआईएफटी, एसपीजेआईएमआर, एमडीआई, एआईटीआईई, एमएमआईएमएस, एलायंस यूनिवर्सिटी, आईएफआईएम बिजनेस स्कूल, एमपी बिरला इंस्टीच्यूट, एमएस रमैया, माउंट कार्मेल, पीईएसआईटी जैसे देश के विभिन्न शहरों में स्थित प्रमुख काॅलेजों में प्लेसमेंट में 10 से 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है और सात लाख रुपये से लेकर 70 लाख रुपये तक का पैकेज मिलने लगा है। दरअसल एमबीए के अलावा दो साल की अवधि वाला ऐसा कोई स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम नहीं हैं जिसके पूरा होने से पहले ही अच्छी सैलरी वाली नौकरी की शुरूआत हो जाए।

 

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