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श्रीलाल शुक्ल जन्मशती उत्सव का भव्य शुभारंभ लखनऊ में: पंकज त्रिपाठी और अशोक पाठक के पाठन ने मोहा मन

श्रीलाल शुक्ल जन्मशती उत्सव का भव्य शुभारंभ लखनऊ में: पंकज त्रिपाठी और अशोक पाठक के पाठन ने मोहा मन

TIL Desk लखनऊ:👉प्रसिद्ध साहित्यकार श्रीलाल शुक्ल की जन्मशती उत्सव का भव्य आयोजन लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, गोमती नगर में संपन्न हुआ। इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको) के भाषा, साहित्य एवं संस्कृति प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित इस महोत्सव का उद्घाटन जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा किया गया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, सहकारिता मंत्री जे.पी.एस. राठौर, इफको के अध्यक्ष दिलीप संघानी और प्रबंध निदेशक डॉ. उदय शंकर अवस्थी सहित कई गणमान्य व्यक्तित्व उपस्थित रहे।

चित्र और पुस्तक प्रदर्शनी का उद्घाटन

कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 10:30 बजे से हुई, जब महामहिम मनोज सिन्हा ने चित्र और पुस्तक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस दौरान जनप्रिय अभिनेता पंकज त्रिपाठी और उभरते कलाकार अशोक पाठक ने ‘राग दरबारी’ के अंशों का सजीव पाठ कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इनकी प्रस्तुति ने श्रीलाल शुक्ल की अनमोल कृति के किरदारों को जीवंत कर दिया।

साहित्यिक चर्चा और व्याख्यान

दूसरा सत्र 11:30 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक चला, जिसका शीर्षक था ‘श्रीलाल शुक्ल : कुछ रंग, कुछ राग’। इस सत्र में वरिष्ठ लेखक महेंद्र भीष्म ने उनकी साहित्यिक यात्रा को रोचक अंदाज में प्रस्तुत किया। सहकारिता मंत्री जे.पी.एस. राठौर और कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने भी अपने विचार रखे और साहित्य से जुड़े अपने अनुभव साझा किए। महामहिम मनोज सिन्हा ने श्रीलाल शुक्ल के हिंदी साहित्य में योगदान को सराहा और उनके लेखन के सामाजिक प्रभाव पर प्रकाश डाला।

‘राग दरबारी’ की प्रासंगिकता पर परिचर्चा

दोपहर 2:30 बजे से 3:30 बजे तक ‘राग दरबारी : कल, आज और कल’ विषय पर गहन चर्चा हुई। इस सत्र में प्रसिद्ध किस्सागो हिमांशु वाजपेई, साहित्यकार डॉ. जय प्रकाश कर्दम और संपादक आशुतोष शुक्ल ने आधुनिक समाज में ‘राग दरबारी’ की प्रासंगिकता पर विचार रखे। इफको के अध्यक्ष दिलीप संघानी ने इस सत्र की अध्यक्षता की।

फिल्म और स्मृतियों का संगम

तीसरा सत्र 3:30 बजे से 4:30 बजे तक चला, जिसमें कवि और फिल्मकार देवी प्रसाद मिश्र द्वारा निर्मित श्रीलाल शुक्ल के जीवन पर आधारित लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। इसके बाद 4:30 बजे से 5:30 बजे तक ‘स्मृतियों के आईने में श्रीलाल शुक्ल’ सत्र आयोजित हुआ, जिसमें वरिष्ठ कवि नरेश सक्सेना, लेखक वंदना मिश्र, कथाकार शिवमूर्ति, रेडियो प्रोड्यूसर अनामिका श्रीवास्तव और युवा लेखक उत्कर्ष शुक्ल ने अपने विचार रखे। इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. उदय शंकर अवस्थी भी इस चर्चा में शामिल हुए।

‘राग दरबारी’ पर आधारित नाट्य प्रस्तुति

कार्यक्रम के अंतिम सत्र में शाम 6 बजे से 7 बजे तक ‘कहानी शिवपाल गंज की’ नामक नाटक का मंचन किया गया, जो श्रीलाल शुक्ल की कालजयी रचना ‘राग दरबारी’ पर आधारित था। इस नाट्य प्रस्तुति को दर्पण नाट्य मंच, लखनऊ के कलाकारों ने जीवंत किया, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा। अंत में इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. उदय शंकर अवस्थी ने सभी कलाकारों को सम्मानित किया।

समापन और धन्यवाद ज्ञापन

इस भव्य आयोजन के समापन पर इफको के मुख्य प्रबंधक (भाषा, साहित्य एवं संस्कृति प्रकोष्ठ) डॉ. नलिन विकास ने सभी अतिथियों, साहित्य प्रेमियों और दर्शकों का धन्यवाद ज्ञापन किया। इस आयोजन ने साहित्य प्रेमियों के मन में एक नई ऊर्जा और प्रेरणा का संचार किया, जिससे श्रीलाल शुक्ल की साहित्यिक विरासत और भी सशक्त हुई।

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