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12वीं के बाद आयुर्वेदिक डॉक्टर कैसे बनें? कोर्स से लेकर सैलरी तक, जानिए सबकुछ

आज के बदलते दौर में पढ़ाई के तरीकों और करियर ऑप्शन में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है. खासतौर पर मेडिकल क्षेत्र में आयुर्वेद का क्रेज तेजी से बढ़ा है. जहां पहले नीट में कम स्कोर करने वाले छात्र बीएएमएस (बीएएमएस) कोर्स में एडमिशन लेते थे, वहीं अब आयुर्वेदिक डॉक्टर बनने के लिए छात्रों की रुचि बढ़ रही है. अगर आप भी आयुर्वेदिक डॉक्टर बनना चाहते हैं तो ये रहे आपके लिए कोर्स सहित सभी जानकारी.

बीएएमएस (बैचलर ऑफ आयुर्वेद मेडिसिन एंड सर्जरी) एक साढ़े पांच साल का कोर्स है, जिसमें 1 साल की इंटर्नशिप भी शामिल होती है. भारत में आयुर्वेद का काफी महत्व है और इसे मेडिकल के पुराने तरीकों में से एक माना जाता है. अगर आप भी आयुर्वेदिक डॉक्टर बनने का सपना देख रहे हैं, तो यहां जानें इसकी योग्यता, एडमिशन प्रक्रिया और करियर के अवसर.  

क्लिनिक की शुरुआत करें

बीएएमएस की डिग्री हासिल करने के बाद आप अपना क्लिनिक खोल सकते हैं और प्रैक्टिस शुरू कर सकते हैं. अगर आप खुद का क्लिनिक नहीं खोलना चाहते, तो अलग-अलग हेल्थ सेंटर्स में प्रोफेशनल या सुपरवाइजर के रूप में काम कर सकते हैं.  

आयुर्वेद में पोस्ट-ग्रेजुएशन या डॉक्टरेट करने के बाद रिसर्च और डेवलपमेंट के क्षेत्र में काम किया जा सकता है. आयुर्वेदिक प्रोडक्ट बनाने वाली फार्मास्यूटिकल और एफएमसीजी कंपनियों में भी नौकरी के बेहतरीन मौके मिलते हैं.  

आयुर्वेदिक डॉक्टर बनने के लिए जरूरी योग्यता

12वीं में पीसीबी (फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी):किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं में फिजिक्स, केमेस्ट्री विज्ञान और जीव विज्ञान विषयों के साथ पढ़ाई करना अनिवार्य है. मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम पास करें, बीएएमएस में एडमिशन के लिए नीट या स्टेट लेवल मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम पास करना जरूरी है. बीएएमएस की बैचलर डिग्री पूरी कर सकते हैं.  इसके बाद एमडी या एमएस करके सर्जरी या ऑर्थोपेडिक्स जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल कर सकते हैं.

 

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