TIL Desk लखनऊ: आज मैंने सपा से इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले मैंने अखिलेश यादव से वार्ता की। उनसे बताया की सपा में कुछ ऐसे भी हैं जो पार्टी को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।
मैंने कहा की जब भी मैं सपा को बढ़ाने का प्रयास करता हूं, मुझे रोका जाता हैं। इसके बावजूद अखिलेश यादव ने मुझसे कोई वार्ता नहीं की गई, इसीलिए मैंने सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया।
एमएलसी सदस्यता से भी नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे दिया है। मैंने सैदैव राजनीति में देश के दलितों आदिवासियों गरीबों किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता दी है।
मैने हमेशा लड़ाई लड़ी, विचारधारा और मिशन में जब कोई मेरे आड़े आया, उससे टकराने में गुरेज नहीं किया, राजनीति में विचारधारा महत्वपूर्ण है, विचारधारा के लिए कुर्सी छोड़ी है। मेरे लिए पद नहीं विचारधारा जरूरी है। पद के लिए मैने कभी राजनीति नहीं की है। मैं विचारधारा के लिए लड़ाई लड़ता हूं।
अखिलेश यादव ने पीडीए का नारा दिया, उसकी हवा उन्होंने खुद निकाल दी l अखिलेश यादव ना इधर हैं और ना ही उधर l सपा के लोग अपनी विचारधारा से भटक गए हैं l सपा के लोग धर्मनिरपेक्ष हैं। सपा कार्यालय में शालिग्राम की पूजा करवा दी। बीजेपी सपा से शर्मा गई होगी। अखिलेश का धर्मनिरपेक्ष चेहरा जनता देख रही है।
पल्लवी पटेल बुलंद आवाज उठाती रही हैं। वो भी एक विचारधारा के तहत राजनीति में आई हैं। अखिलेश यादव के साथ कोई नहीं चल सकता है। रामगोपाल यादव की भी बोलभाषा सही नही है। शिवपाल यादव से सीखना चाहिए। सपा की खटिया खड़ी बिस्तरा गोल है।
प्रो. रामगोपाल जबतक रहेंगे, तबतक सपा पर अंधेरा छाया रहेगा। राहुल गांधी की यात्रा में समय मिलते ही शामिल होंगे स्वामी प्रसाद मौर्य l फिलहाल समय के अभाव के चलते राहुल की यात्रा में नहीं शामिल होंगे।