मणिपुर डेस्क/ राजनीतिक व सामाजिक कार्यकर्ता इरोम शर्मिला ने मंगलवार को यहां सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम (एएफएसपीए) के खिलाफ अपना 16 साल पुराना अनशन तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि वह मणिपुर की मुख्यमंत्री बनना चाहती हैं, ताकि राज्य से एएफएसपीए खत्म हो सके। पहले शर्मिला (42) ने इंफाल पश्चिम में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एल.टोनसिंग के समक्ष कहा था कि वह मंगलवार को अपना अनशन तोड़ देंगी।
बाद में 10,000 रुपये का बांड भरने के बाद अदालत ने उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया। बांड भरने के बाद अदालत ने उन्हें मीडिया से बातचीत करने की इजाजत दे दी। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि वह मणिपुर की मुख्यमंत्री बनना चाहती हैं। 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव में वह खुराई क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगी।
खबरों के मुताबिक, कुछ स्थानीय और राष्ट्रीय पार्टियों ने उनसे संपर्क किया है, लेकिन उन्होंने अभी तक किसी को जवाब नहीं दिया है।
शर्मिला ने कहा कि उन्हें अनजान प्राणी के रूप में देखा गया है। बहरहाल डॉक्टरों ने उन्हें तुरंत ठोस भोज्य पदार्थ खाने की अनुमति नहीं दी है। एक डॉक्टर ने कहा, “चूंकि वह करीब 16 साल से ठोस भोजन से दूर रही हैं, हमें एक के बाद एक वाला तरीका अपनाना है। उनको सामान्य भोजन दिए जाने में अभी समय लगेगा। आधिकारिक रूप से घोषणा की गई थी कि अगले तीन दिनों तक वह डाक्टरों की निगरानी में रहेंगी। इस दौरान उन्हें धीरे-धीरे ठोस भोजन दिया जाएगा और उनके स्वास्थ्य पर नजर रखी जाएगी।