जयपुर डेस्क/ राजस्थान के कोटा जिले में कोचिंग के तीन छात्रों द्वारा आत्महत्या करने के बाद प्रशासन ने पुलिस ने छात्रों की मदद के लिए पेट्रोलिंग करने के साथ हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं। नई पहल के तहत शहर की पुलिस कोचिंग संस्थानों और छात्रावासों में जाकर छात्रों से संपर्क करेगी और उनकी समस्याओं के समाधान का प्रयास करेगी। कोटा पुलिस ने तीन थाना क्षेत्रों में हेल्पलाइन नंबर जारी कर शाम को पैदल गश्त भी शुरू कर दी है। पुलिस के विशेष जवान कोचिंग सेंटर क्षेत्रों की निगरानी कर रहे हैं।
जिला कलक्टर ने बुधवार को दिशा-निर्देशों के अनुपालन को लेकर बैठक की। इसमें नगर पुलिस अधीक्षक सहित समस्त प्रशासनिक अधिकारी, छात्रावास एवं कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। बैठक में कई फैसले लिए गए। कोचिंग संस्थानों के निरीक्षण के लिए प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को नियुक्त किया गया है। उन्हें हर महीने जिला स्तरीय समिति को रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। वे यह भी सुनिश्चित करेंगे कि कोचिंग संस्थानों में गाइडलाइंस का पालन हो।
यह निर्णय लिया गया है कि किसी भी बैच में 100 से अधिक छात्रों को नहीं रखा जाना चाहिए। कोचिंग सेंटरों के बाहर जरूरी फोन नंबर, हेल्पलाइन नंबर लिखे जाएं। कोचिंग संस्थानों में मेरिट के आधार पर काउंसलरों की नियुक्ति की जाए। प्रत्येक सप्ताह खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाना चाहिए। प्रवेश के समय छात्रों और अभिभावकों की काउंसलिंग के साथ-साथ मेडिकल और आईटी क्षेत्र के अलावा अन्य क्षेत्रों में विकल्पों की जानकारी दी जाए।
कोचिंग संस्थानों में साप्ताहिक अवकाश एवं प्रत्येक दूसरे दिन परीक्षा न कराने का अनुपालन अनिवार्य रूप से किया जाए। छात्रों के तनाव और अनुपस्थिति की स्थिति में नजदीकी थाने को सूचना दी जाए। कोचिंग सेंटरों में बायोमैट्रिक सिस्टम अनिवार्य रूप से लागू किया जाए। लापता छात्रों के लिए कोचिंग संस्थान को भी जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।