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मुख्यमंत्री योगी के गढ़ में व्यक्ति को कार में बाँध कर ज़िंदा जलाया

मुख्यमंत्री योगी के गढ़ में व्यक्ति को कार में बाँध कर ज़िंदा जलाया

लखनऊ डेस्क/ गोरखपुर में कार में एक व्यक्ति को ज़िंदा जलाने की घटना सामने आयी है | मिली जानकारी के अनुसार राजघाट क्षेत्र के निवासी सोना व्यापारी गोविंद अग्रवाल के एकलौते बेटे नितिन अग्रवाल (38) की घंटाघर चौराहे पर पुरुषोत्तम दास नाम से सोने की दुकान है। वह सोने के कारोबार के साथ ही दो दोस्त विष्णु और सुनील के साथ प्रापर्टी डीलिंग का भी काम करते थे। रविवार की सुबह नितिन घर से जरूरी काम बताकर स्कूटर से निकलेे और पास ही स्थित दोस्त विष्णु के घर गए। वहां उन्होंने स्कूटर रखकर कार ले ली। इस बीच दोपहर सवा बारह बजे तेनुआ टोला प्लाजा से थोड़ा पहले एक कार में आग लगने और एक व्यक्ति के जिंदा जलने की सूचना मिली।

कार में जले व्यक्ति के हाथ-पैर लोहे के तार से बंधे थे। आग बुझाने के बाद कार में पुलिस को व्यापारी का पर्स मिला। इससे पता चला कि वह सोना व्यापारी के एकलौते बेटे नितिन अग्रवाल हैं। इसके बाद घटना की सूचना नितिन के घर वालों को दी गई। मौके पर पहुंचकर उन्होंने शव की शिनाख्त की। इस घटना से उनका परिवार सदमे में आ गया। मौके पर चीख-पुकार मच गई। हत्या की मुख्य वजह अभी स्पष्ट नहीं है। घटना की सूचना मिलने पर डीआईजी नीलाब्जा चौधरी, एसपी ग्रामीण ज्ञान प्रकाश चतुर्वेदी और फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंच गई। हालांकि पुलिस इसे अभी हादसा मान रही है। डीआईजी का कहना है कि पीएम और फोरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर आगे जांच की जाएगी।

योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके शहर में यह पहली आपराधिक घटना है। हालांकि पुलिस अभी इसे हादसा बता रही है। पुलिस का कहना है कि जहां कार मिली, उसके आसपास के डिवाइडर क्षतिग्रस्त हैं। इससे यह लगता है कि डिवाइडर से टकराने के बाद शार्ट सर्किट से कार में आग लग गई होगी लेकिन वो इस बात का जवाब नहीं दे सकी कि डिवाइडर से टकराने के बाद भी कार में स्क्रैच क्यों नहीं है और फिर कार के अंदर नितिन के हाथ-पैर लोहे के तार से क्यों बंधे थे। अगर वो जिंदा होते तो खुद को बचाने की कोशिश जरूर करते क्योंकि आग लगने के चंद मिनट के अंदर ही फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंच गई थी।

हत्या करने वाले शातिर हैं, क्योेंकि उन्होंने कार को तेनुआ टोला प्लाजा से 500 मीटर पहले रोककर वारदात को अंजाम दिया। अगर कार टोल प्लाजा तक पहुंचती तो सीसीटीवी कैमरे में उसका नंबर आ जाता। ऐसे में अपराधियों की पहचान हो सकती थी। नितिन अग्रवाल का पूरा परिवार एक साथ रहता है। सूत्रों की मानें तो कुछ दिनों से परिवार में प्रापर्टी को लेकर अनबन चल रही है। पिता से नितिन की बातचीत भी तीन-चार दिनों से नहीं हो रही थी। रविवार की सुबह दस बजे के करीब घर में विवाद होने के बाद ही नितिन निकले थे। उन्होंने घर वालों को खुद को न खोजने की धमकी भी दी थी। एक बजे के करीब कई बार फोन करने पर भी जब उनका मोबाइल नहीं उठा तो घरवाले नंबर सर्विलांस पर लगवाने के लिए पुलिस के पास गए थे। इसी दौरान उन्हें मौत की खबर मिली। पुलिस कॉल डिटेल के आधार पर भी जांच कर रही है। पुलिस नितिन के घर से नाराज होकर निकलने पर इसे खुदकुशी से भी जोड़कर देख रही है। चूंकि पिता सूद पर रुपये बांटते हैं। इसलिए रुपये के लेनदेन से भी इसे जोड़ा जा रहा है।

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