लखनऊ
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखया है। उन्होंने ट्वीट कर ये जानकारी दी है। मायावती ने कल ही आकाश आनंद को पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर पद से हटाया था।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा-"बीएसपी की आल-इण्डिया की बैठक में कल आकाश आनन्द को पार्टी हित से अधिक पार्टी से निष्कासित अपने ससुर अशोक सिद्धार्थ के प्रभाव में लगातार बने रहने के कारण नेशनल कोआर्डिनेटर सहित सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया था, जिसका उसे पश्चताप करके अपनी परिपक्वता दिखानी थी."
पूर्व सीएम ने आगे लिखा-"लेकिन इसके विपरीत आकाश ने जो अपनी लम्बी-चौड़ी प्रतिक्रिया दी है वह उसके पछतावे व राजनीतिक मैच्युरिटी का नहीं बल्कि उसके ससुर के ही प्रभाव वाला ज्यादातर स्वार्थी, अहंकारी व गैर-मिशनरी है, जिससे बचने की सलाह मैं पार्टी के ऐसे सभी लोगों को देने के साथ दण्डित भी करती रही हूँ."
उन्होंने लिखा-"अतः परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान मूवमेन्ट के हित में तथा मान्यवर कांशीराम की अनुशासन की परम्परा को निभाते हुए आकाश आनन्द को, उनके ससुर की तरह, पार्टी व मूवमेन्ट के हित, में पार्टी से निष्कासित किया जाता है."
ससुर अशोक सिद्धार्थ को बताया था जिम्मेदार
बता दें कि 2 मार्च (रविवार) को लखनऊ में हुई बसपा की राष्ट्रीय स्तर की बैठक के बाद मायावती ने बयान जारी कर कहा था कि पार्टी हित में आकाश आनंद को इसकी सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया है. इस बयान में कहा गया था कि इस कार्रवाई के लिए पार्टी नहीं, बल्कि पूर्ण रूप से उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ जिम्मेदार हैं.
क्या बोले थे आकाश आनंद
वहीं बसपा से सभी जिम्मेदारियों से मुक्त होने पर आकाश आनंद ने एक्स पर पोस्ट कर कहा-"मैं परमपूज्य आदरणीय बहन कु. मायावती का कैडर हूं, और उनके नेतृत्व में मैंने त्याग, निष्ठा और समर्पण के कभी ना भूलने वाले सबक सीखे हैं, ये सब मेरे लिए केवल एक विचार नहीं, बल्कि जीवन का उद्देश्य हैं. आदरणीय बहन जी का हर फैसला मेरे लिए पत्थर की लकीर के समान है, मैं उनके हर फैसले का सम्मान करता हूं उस फैसले के साथ खड़ा हूं. आदरणीय बहन कु. मायावती द्वारा मुझे पार्टी के सभी पदों से मुक्त करने का निर्णय मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से भावनात्मक है, लेकिन साथ ही अब एक बड़ी चुनौती भी है, परीक्षा कठिन है और लड़ाई लंबी है.
कल आकाश आनंद को दी गई थी चेतावनी
मायावती ने एक्स पोस्ट में लिखा, "बीएसपी की आल-इण्डिया की बैठक में कल आकाश आनन्द को पार्टी हित से अधिक पार्टी से निष्कासित अपने ससुर अशोक सिद्धार्थ के प्रभाव में लगातार बने रहने के कारण नेशनल कोआर्डिनेटर सहित सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया था, जिसका उसे पश्चताप करके अपनी परिपक्वता दिखानी थी."
आकाश आनंद को मायावती ने बताया 'अहंकारी'
मायावती ने एक अन्य पोस्ट में कहा कि लेकिन आकाश आनंद की प्रतिक्रिया उम्मीदों के विपरीत रही. उन्होंने एक लम्बी प्रतिक्रिया दी, जिसे मायावती ने अहंकारी और गैर-मिशनरी करार दिया. उन्होंने इसे केवल स्वार्थी रवैया बताया, जो पार्टी की विचारधारा और मिशन से मेल नहीं खाता. अपने पोस्ट में मायावती ने उन सभी पार्टी सदस्यों को भी चेतावनी दी, जो इस तरह के व्यवहार करते हैं.
मायावती ने "बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर के आत्म-सम्मान और स्वाभिमान मूवमेन्ट के महत्व" पर जोर देते हुए ये फैसला लिया. उन्होंने कहा कि यह कदम बीएसपी के संस्थापक कांशीराम की अनुशासन की परम्परा को निभाने के लिए आवश्यक था.