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मुख्तार अब्बास नकवी ने राहुल के बयान पर नाराजगी जताते हुए कहा- वे अब हमारी सेना और राष्ट्रीय सुरक्षा पर उठा रहे सवाल

नई दिल्ली
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान 'भारत के विमानों के लापता होने' को लेकर सवाल उठाया। एक्सपर्ट्स ने उनके प्रश्न पर हैरानी जताई तो भाजपा नेता उनकी समझ पर अफसोस कर रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मुख्तार अब्बास नकवी ने नाराजगी जताते हुए कहा कि वे अब हमारी सेना और राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी सवाल उठा रहे हैं।

भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "कुछ लोग पाकिस्तान के पाखंडी प्रोपेगेंडा के प्रॉक्सी प्रमोटर्स की भूमिका निभा रहे हैं, जो ठीक नहीं है। यह वही लोग हैं, जो कभी देश के संविधान पर, तो कभी संसद पर, तो कभी संवैधानिक संस्थाओं पर सवाल खड़े करते हैं। अब वे सेना और हमारी सुरक्षा पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। वे बुरी स्थिति में हैं। अब जो प्रतिनिधिमंडल विदेश जा रहा है, वह किसी पार्टी का नहीं, बल्कि देश का प्रतिनिधिमंडल है। जो देश की बात रखने जा रहा है, न कि किसी राजनीतिक पार्टी की बात रखेगा। अक्ल के दुश्मनों को समझ नहीं आ रहा है और वे सिर्फ सवाल करने की प्रतिस्पर्धा में लगे हुए हैं। यह उनकी सियासत के लिए हानिकारक है।"

पाकिस्तान द्वारा भारत की नकल करते हुए विदेश में प्रतिनिधिमंडल भेजने पर मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, "पाकिस्तान विदेश क्यों जा रहा है? क्या यह बताने जा रहा है कि उसके आतंकी कारखाने शांति के प्रतीक बन रहे हैं? क्या वे यह कहने की कोशिश कर रहे हैं कि उनके आतंकवाद के कारखाने अब सद्भाव की खाद पैदा कर रहे हैं?"
उन्होंने आगे कहा, "क्या वे यह स्वीकार करेंगे कि उन्होंने आतंकवाद को बढ़ावा दिया और उसे संरक्षण दिया और अब उसे सुधार रहे हैं? नकल करने के लिए भी बुद्धि की आवश्यकता होती है। दुनिया में कौन उन पर विश्वास करेगा? पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर केवल शर्मिंदगी का सामना करना पड़ेगा।"

सुप्रीम कोर्ट में वक्फ मामले की सुनवाई पर भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, "वक्फ संशोधन को इसके तार्किक अंत तक पहुंचना चाहिए, यह जरूरी है क्योंकि वक्फ व्यवस्था में मौजूद असंवैधानिक अराजकता और मनमानी को संवैधानिक प्रतिबद्धता के दायरे में लाना आवश्यक है। इस अराजकता को संवैधानिक व्यवस्था से बदलना महत्वपूर्ण है। कुछ लोग इस मामले को लेकर कोर्ट गए हैं और मुझे विश्वास है कि जो भी फैसला होगा, वह राष्ट्रीय हित में होगा।"

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