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मनोज सिन्हा मेरी हत्या कभी भी करा सकते हैं : मुख्तार अंसारी

मनोज सिन्हा मेरी हत्या कभी भी करा सकते हैं : मुख्तार अंसारी

लखनऊ डेस्क/ बाहुबली मुख्तार अंसारी ने विधानसभा में मीडिया से बातचीत में अपनी हत्या की आशंका जताई है। मुख्तार ने रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा पर अपनी हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है। साथ ही मुख्तार ने यह भी कहा कि, ये बयान मेरे मरने से पहले का बयान समझा जाए। मुख्तार अंसारी बुधवार को विधानसभा में शपथ लेने पहुंचे। यहां उन्होंने कहा- ”बदले की भावना से मुझे लखनऊ से आगरा सेंट्रल जेल में शि‍फ्ट करने का फैसला लिया गया है। मुझे परेशान करने के मकसद से यह कराया गया है। मेरे राजनीतिक विरोधी मनोज सिन्हा और मेरे दुश्मन ब्रजेश सिंह के भाई जो कि बीजेपी के विधायक हैं, उन्होंने यह साजिश रची है। इन लोगों ने रणनीति के तहत मेरे ऊपर हमला कराने के मकसद से मेरा ट्रांस्फर कराने का फैसला लिया है।

इन लोगों ने प्लान किया है कि जब मैं कोर्ट में पेशी के लिए जाऊं तो रास्ते में ये पेशेवर हमलावरों से मेरी हत्या करा सकें। ये बयान मेरे मरने से पहले का बयान समझा जाए। ये लोग मेरी हत्या कराने के मकसद से मेरा ट्रांस्फर करा रहे हैं। मैं मुख्यमंत्री जी से अनुरोध करूंगा कि मेरी सुरक्षा के बारे में ध्यान दीजिएगा। मेरे जीवन को खतरा है। बता दें, योगी सरकार ने बाहुबली मुख्तार अंसारी को लखनऊ से आगरा सेंट्रल जेल में शिफ्ट करने का फैसला लिया है। मंगलवार को प्रमुख सचिव कारागार देवाशीष पण्डा ने इसके औपचारिक आदेश जारी किए। जल्द ही मुख्तार को आगरा जेल शिफ्ट किया जाएगा।

इससे पहले जब मुख्तार अंसारी बसपा में शामिल हुए थे तब अखिलेश यादव सरकार ने भी मुख्तार की जेल बदलने की फाइल चलाई थी। लेकिन चुनाव के कारण जेल बदलने के औपचारिक आदेश जारी नहीं हो सके थे। अब योगी सरकार ने मुख्तार की जेल बदलने का आदेश जारी कर दिया है। यूपी के पूर्वांचल में बाहुबली नेता के तौर पर अपनी धाक जमाने वाले मुख्तार अंसारी पर बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या का आरोप है। मुख्तार अंसारी उस वक्त जेल में बंद थे। बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय को उनके 6 अन्य साथियों को सरेआम गोलीमार उनकी हत्या कर दी गई। हमलावरों ने 6 एके-47 राइफलों से 400 से ज्यादा गोलियां चलाई थी। मारे गए सातों लोगों के शरीर से 67 गोलियां बरामद की गई थी। इस हमले का एक महत्वपूर्ण गवाह शशिकांत राय 2006 में रहस्यमई परिस्थितियों में मृत पाया गया था। उसने कृष्णानंद राय के काफिले पर हमला करने वालों में से अंसारी और बजरंगी के निशानेबाजों अंगद राय और गोरा राय को पहचान लिया था। इससे पहले जमीनों पर कब्जे के विवाद में उनकी जंग पूर्व सांसद और बाहुबली ब्रजेश सिंह से भी हो चुकी है।

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