यूपी डेस्क/ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने के लिए रोडमैप तैयार किया जाएगा। उन्होंने स्कूलों में अगले सत्र से एनसीईआरटी पाठ्यक्रम के आधार पर पढ़ाई के लिए योजनाबद्ध ढंग से काम शुरू करने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने कहा कि इससे यूपी के विद्यार्थियों को अखिल भारतीय स्तर की प्रतियोगिताओं में सहूलियत होगी, वे हीनभावना के शिकार नहीं होंगे। योगी ने बुधवार को शास्त्री भवन में केंद्रीय शिक्षा सचिव अनिल स्वरूप के साथ प्रदेश में ट्रांसफॉर्मिंग स्कूल एजूकेशन का रोडमैप तैयार करने पर चर्चा की। इस दौरान सीएम ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में देश के विभिन्न प्रदेशों में अपनाई जा रही अच्छी एवं पारदर्शी कार्यपद्धतियों का अध्ययन कराकर उन्हें यूपी में भी लागू किया जाएगा।
यह चिंताजनक है कि राज्य में निजी स्कूलों एवं उनमें पढ़ने वाले छात्रों की संख्या बढ़ रही है, जबकि राजकीय विद्यालयों में ड्रॉपआउट तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसी कार्यप्रणाली लागू की जाए जिससे छात्र विद्यालयों में आकर गंभीरता से पढ़ाई करें और अध्यापकों की उपस्थिति एवं उनके पढ़ाने की गुणवत्ता में भी सुधार हो। प्रत्येक कक्षा में छात्रों के ज्ञान का एक न्यूनतम पैमाना निर्धारित कर उसे पाने का प्रयास किया जाए। उन्होंने तकनीक की सहायता से शिक्षा क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करने पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छोटे बच्चों पर बस्ते का बोझ कम करने, स्कूलों की पढ़ाई एवं प्रबंधन के लिए अभिभावकों व स्थानीय लोगों का एक प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग ग्रुप बनाया जाना चाहिए। उन्होंने सीबीएसई के और अधिक क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित करने की आवश्यकता जताई। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार की परिणाम मंजूषा योजना की तरह माध्यमिक शिक्षा परिषद के प्राप्तांक एवं प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन व्यवस्था शुरू करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जहां बिजली न हो, वहां सौर ऊर्जा का प्रयोग करते हुए कंप्यूटर संचालन की व्यवस्था की जाए।