इलाहाबाद डेस्क/ अपने दौरे के दूसरे दिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के झलवा में प्रस्तावित न्याय ग्राम टाउनशिप की आधारशिला रखी। इस मौके पर राज्यपाल राम नाईक, सीएम योगी आदित्यनाथ, सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे। प्रेसिडेंट रामनाथ कोविंद ने कहा, “साल 1921 में पहली महिला जज इस कोर्ट से मिली थी। गरीबों का कोर्ट ही सबसे बड़ा सहारा होता है,लेकिन गरीब कोर्ट का दरवाजा खटखटाने से बचता है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लंबित मामलों को निवारण करने का लक्ष्य रखा है। मुझे उम्मीद है कि वो तय समय पर पूरा हो जाएगा। उन्होंने सुझाव दिया कि अगर स्थानीय भाषा में बहस, डाक्यूमेंट भी स्थानीय भाषा में होंगे, तो अच्छा होगा।
देवघाट झलवा में प्रस्तावित न्याय ग्राम टाउनशिप 35 एकड़ में बनकर तैयार होगा। यूपी सरकार ने 395 करोड़ रुपए इसके लिए जारी किए गए हैं। न्याय ग्राम बनने के बाद हाईकोर्ट के विस्तार में मदद मिलेगी। इस कैंपस में ज्यूडिशियल एकेडमी, ऑडिटोरियम, आवास बनेंगे । इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी पत्नी के साथ इलाहाबाद में त्रिवेणी संगम पर पूजा-अर्चना की। उनके साथ राज्यपाल राम नाईक, सीएम योगी, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या, स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, इलाहाबाद की मेयर अभिलाषा गुप्ता मौजूद थीं। तीर्थ पुरोहितों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा कराई। यहां से पूजा करने के बाद प्रेसिडेंट रामनाथ कोविंद बड़े हनुमान मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की। फिर हाईकोर्ट के लिए रवाना हो गए।
अपने दो दिन के दौरे के पहले दिन प्रेसिडेंट रामनाथ कोविंद ने मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआइटी) के 14वें दीक्षांत समारोह में बतौर चीफ गेस्ट शिरकत की। इस कार्यक्रम में उन्होंने झारखंड के रांची के रहने वाले पीयूष चंद्र चतुर्वेदी, मथुरा के अमन शर्मा, दिल्ली की स्तुति जैन और लखनऊ की मुस्कान श्रीवास्तव को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। प्रेसिडेंट ने कहा, “सरस्वती को अदृश्य माना गया है लेकिन मेरा मानना है कि सरस्वती यहां शिक्षकों, शिक्षण संस्थानों के रूप में हमेशा से रही है। एमएनएनआइटी को ग्लोबल बनाने की कोशिश करनी चाहिए।