TIL Desk लखनऊ:“एक नई पहल के तहत उत्तर प्रदेश में अशासकीय विद्यालय प्रबंधकों का एक महत्वपूर्ण संगठन अस्तित्व में आया है। इस संगठन का उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और निजी विद्यालयों की समस्याओं को सामने लाना है। इसी क्रम में आज लखनऊ के प्रेस क्लब में अशासकीय विद्यालय प्रबंधक महासभा की ओर से एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की गई, जिसमें इस महासभा के गठन और आगामी प्रांतीय सम्मेलन की जानकारी साझा की गई। आइए जानते हैं इस महत्वपूर्ण आयोजन की कुछ झलकियां।”
आज लखनऊ के प्रेस क्लब महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। इस महासभा का गठन उत्तर प्रदेश में निजी विद्यालयों के प्रबंधकों को एक मंच पर लाने और उनकी समस्याओं को सरकार के सामने प्रभावी ढंग से उठाने के लिए किया गया है।
महासभा के पदाधिकारियों ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बताया कि संगठन का मुख्य उद्देश्य विद्यालयों के विकास और प्रशासनिक चुनौतियों को सुलझाने के साथ ही शिक्षकों, छात्रों, और प्रबंधकों के हितों की रक्षा करना है। इसके साथ ही आगामी 14 सितंबर 2024 को होने वाले महासभा के प्रथम प्रांतीय सम्मेलन की तैयारियों की भी जानकारी दी गई, जिसमें राज्यभर से विद्यालय प्रबंधक हिस्सा लेंगे।
“हमारा उद्देश्य केवल निजी विद्यालयों के हितों की रक्षा करना नहीं है, बल्कि शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाना भी है। इस महासभा के माध्यम से हम सरकार और प्रशासन के साथ मिलकर शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव लाने का प्रयास करेंगे।”
महासभा के पदाधिकारियों ने बताया कि सम्मेलन में शिक्षा नीति, स्कूलों की मान्यता और सरकारी नीतियों पर विस्तृत चर्चा की जाएगी। यह महासभा निजी विद्यालयों की आवाज बनने और उनकी समस्याओं का समाधान ढूंढ़ने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
“तो यह था अशासकीय विद्यालय प्रबंधक महासभा का एक महत्वपूर्ण आयोजन, जिसमें प्रदेशभर के निजी विद्यालयों के हितों को सामने रखने और उनके विकास के लिए दिशा निर्धारित की गई।