रायबरेली/लखनऊ डेस्क/ रायबरेली जिले में ऊंचाहार स्थित राष्ट्रीय तापीय विद्युत निगम (एनटीपीसी) के संयंत्र में बॉयलर फटने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 28 हो गयी है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) ने मामले की न्यायिक जांच की मांग की है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस हादसे का स्वतः संज्ञान लेते हुए प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को नोटिस जारी करके विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। रायबरेली के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डी के सिंह ने बताया कि ऊंचाहार स्थित एनटीपीसी के 500 मेगावाट क्षमता वाले संयंत्र का बॉयलर बुधवार (1 नवंबर) शाम फट जाने से अब तक 28 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। हादसे में घायल 63 लोगों का जिला अस्पताल तथा लखनऊ के ट्रामा सेंटर में इलाज किया जा रहा है।
राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ) की टीम अब भी दुर्घटनास्थल पर खोजबीन कर रही है। माना जा रहा है कि मलबे में अभी कुछ और शव दबे हो सकते हैं। एनटीपीसी ने मृतकों के परिजन को 20-20 लाख, गम्भीर रूप से घायलों को 10-10 लाख तथा मामूली रूप से घायल लोगों को दो-दो लाख रुपये की सहायता का एलान किया है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मृतकों के परिजन को दो-दो लाख तथा घायलों को 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की है।
इस बीच, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने हादसे का स्वतः संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को गुरुवार (2 नवंबर) को नोटिस जारी करके छह सप्ताह में जवाब मांगा। आयोग ने रायबरेली के ऊंचाहार में स्थित एनटीपीसी के बिजली संयंत्र का बायलर फटने से कम से कम 28 लोगों की मौत की मीडिया रपटों का स्वतः संज्ञान लेते हुए प्रदेश के मुख्य सचिव के जरिये राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए छह सप्ताह के अंदर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।