यूपी डेस्क/ कांग्रेस अध्यक्ष बनते ही राहुल गांधी ने मातहतों के पेच कसने शुरू कर दिए हैं। गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजों की समीक्षा करने वह खुद गुजरात गए तो यूपी से उन्होंने हाल ही में हुए शहरी निकाय चुनाव की रिपोर्ट तलब की है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर खुद शनिवार को इसके लिए प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुंचे और देर शाम तक संगठन के अलग अलग पदाधिकारियों के साथ बैठक करते रहे, वंही दूसरी तरफ संगठन ने आंतरिक समीक्षा की रिपोर्ट तैयार करना शुरू कर दिया है।
जिलों से गड़बड़ियों का आंकड़ा जुटाया जा रहा है और निशाने पर वे जिला अध्यक्ष होंगे, जिन्होंने आखिरी समय पर पार्टी द्वारा घोषित उम्मीदवारों के इतर किसी दूसरे के लिए टिकट की सिफारिश की। गुजरात-हिमाचल विधानसभा चुनाव के दरम्यान ही प्रदेश में शहरी निकाय का चुनाव था। कांग्रेस ने जिस तरह से यहां चुनाव लड़ा उससे साफ था कि पार्टी इसके लिए तैयार नहीं थी और नतीजे भी कमोबेश उसी तरह से आए। लखनऊ मेयर के लिए स्थिति यह रही कि नामांकन की एक रात पहले पार्टी ने एक उम्मीदवार घोषित किया और सुबह दूसरा।
यही हाल जिलों में भी हुआ। सूत्र बताते हैं कि राहुल गांधी ने अध्यक्ष बनने के बाद जब प्रदेश प्रमुखों को डिनर दिया, उसी में उन्होंने यूपी के निकाय चुनाव के बारे में जानकारी मांगी। इसी का नतीजा है कि प्रदेश संगठन हर जिले की रिपोर्ट तैयार करने में जुटा है। इसमें सबसे ज्यादा मुसीबत उन जिला अध्यक्षों के लिए खड़ी होने जा रही है, जिन्होंने नामांकन के ठीक पहले प्रदेश संगठन द्वारा घोषित टिकट बदलवाए।
सूत्रों का दावा है कि अब तक तैयार रिपोर्ट में साफ है कि संगठन में बूथ स्तर पर काम नहीं हुआ। जिलों में संगठन के पास उनके यहां के राजनीतिक और क्षेत्रीय समीकरण का आंकड़ा नहीं था। माना जा रहा है कि जनवरी के पहले सप्ताह तक रिपोर्ट प्रदेश प्रभारी गुलाम नबी आजाद के माध्यम से राहुल गांधी को भेजी जाएगी और फिर कमियों पर ऐक्शन शुरू होगा।