लखनऊ डेस्क/ कांग्रेस के यूपी चीफ राज बब्बर ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रेसिडेंट पद से इस्तीफे की पेशकश की। उन्होंने कहा कि मैं उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सका। मैं मानता हूं कि मुझे जो जिम्मेदारियां दी गई थीं, लेकिन मैं उसे पूरा नहीं कर सका। बता दें, इससे पहले उड़ीसा के नगर निकाय के चुनाव में कांग्रेस की हार के चलते पार्टी के सीनियर नेता बीके हरिप्रसाद ने इस्तीफे की पेशकश की थी। उनके पास वहां के चुनाव की जिम्मेदारी थी। माना जा रहा है कि इन पर सोनिया गांधी की मुहर के बाद कोई निर्णय लिया जाएगा। सोनिया गांधी इस समय मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए देश से बाहर हैं और इस महीने के आखिर तक देश लौट सकती हैं।
माना जा रहा है कि कांग्रेस के यूपी चुनाव में परफॉर्मेंस को देखते हुए राज बब्बर ने इस्तीफे की पेशकेश की है। सपा-कांग्रेस अलायंस के बावजूद सपा को 47 तो कांग्रेस को सिर्फ 7 सीटें मिलीं। वहीं, कांग्रेस को 2012 के चुनाव में अपने दम पर 28 सीटें मिली थीं। यूपी में हार के बाद राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस में बुनियादी बदलाव की जरूरत है। राहुल ने कहा था, “हम अपोजिशन में हैं, उतार-चढ़ाव आते हैं। उत्तर प्रदेश में हम कुछ कमजोर थे, बेहतर होगा हम इसे मानें।”
यूपी चुनाव के प्रचार के दौरान राज बब्बर अलग-अलग वजहों से चर्चा में रहे थे। सहारनपुर में एक प्रोग्राम के दौरान राज बब्बर जरा सा धक्का लगने पर अपना आपा खो बैठे थे। उन्होंने गुस्से में कांग्रेस के ही एक कार्यकर्ता के बाल नोंच डाले थे। कांग्रेस के नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी ने कहा कि कांग्रेस में सर्जरी का समय भी बीत चुका है। वहीं, पार्टी की सीनियर नेता रेणुका चौधरी ने एक चैनल से बातचीत में कहा कि हर चुनाव में हार के बाद पार्टी को सामान्य आत्मनिरीक्षण से ज्यादा की जरूरत है। जो आप देख रहे हैं, उससे भी ज्यादा गहरी समस्या है।