लखनऊ डेस्क/ रेप के आरोपी सपा नेता व यूपी सरकार में मंत्री गायत्री प्रजापति अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। जानकारी के अनुसार, गायत्री प्रजापति ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर एफआईआर दर्ज करने के आदेश को वापस लेने की गुहार लगाई है। उनकी याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हो सकती है। प्रजापति का कहना है कि अदालत ने उनका पक्ष जाने बिना आदेश पारित कर दिया। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को दायर याचिका में प्रजापति ने कहा कि बिना उन्हें नोटिस भेजे बिना और बिना उनका पक्ष जाने फैसला ले लिया गया। इसलिय उक्त को आदेश वापस लिया जाए। साथ ही उन्होंने गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग भी की है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक महिला के साथ कथित रूप से सामूहिक बलात्कार और उसकी बेटी के साथ बलात्कार की कोशिश के आरोप में बीते दिनों सरकार के वरिष्ठ मंत्री गायत्री प्रजापति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में प्रजापति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था। प्रजापति और उनके छह साथियों के खिलाफ पॉक्सो अधिनियम सहित बलात्कार एवं बलात्कार की कोशिश संबंधी विभिन्न धाराओं में गौतमपल्ली पुलिस थाने पर मुकदमा दर्ज किया गया। उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश पुलिस को निर्देश दिया था कि वह इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करके आठ सप्ताह के भीतर मामले की स्थिति रिपोर्ट दाखिल करे।
गौरतलब हो कि गायत्री पर 35 वर्षीय एक महिला का आरोप है कि जब वह उनसे तीन वर्ष 2014 में पहले मिली थी तो उन्होंने उसके साथ बलात्कार किया। गायत्री ने पीडि़ता के कुछ आपत्तिजनक फोटो भी लिये और धमकी दी कि वह इन फोटो को सार्वजनिक कर देंगे। इस धमकी के दम पर वह दो साल तक बलात्कार करते रहे। पिछले दिनों मुख्यमंत्री अखिलेश ने प्रजापति को मंत्री परिषद से बर्खास्त कर दिया था। मगर मुलायम सिंह यादव के दखल के बाद उन्हें पुन: मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया गया और वे अमेठी विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं।