- टॉयलेट जाने के बाद 96 प्रतिशत बच्चे हाथ धोना नहीं भूलते; 90 प्रतिशत बच्चे हाथ धोने का तरीका जानते हैं, जिससे उनका शिक्षित व्यवहार प्रदर्शित होता है
TIL Desk Lucknow:👉आईटीसी का सैवलॉन स्वस्थ इंडिया मिशन नवीन अनुभवों और प्रयासों की मदद से लोगों को हाथ धोने की प्रेरणा देने में मुख्य भूमिका निभा रहा है। हाथों से फैलने वाले संक्रमण देश पर भारी सामाजिक- आर्थिक बोझ डालते हैं। इन संक्रमणों को फैलने से रोकने का सबसे सरल तरीका हाथों को नियमित तौर से धोना है। सैवलॉन स्वस्थ इंडिया मिशन 2016 में अपनी शुरुआत के बाद लगातार 8 सालों से हाथ धोने के मामले में सकारात्मक परिवर्तन ला रहा है। यह अभियान भारत के स्कूलों में 10 मिलियन विद्यार्थियों को इनोवेटिव और इंटरैक्टिव वर्कशॉप मॉड्यूल द्वारा हाथों को स्वच्छ रखने के लिए प्रेरित कर चुका है। सैवलॉन स्वस्थ इंडिया मिशन हाथों को साबुन से धोकर स्वच्छ रखने पर जोर देता है।
यह रिपोर्ट पद्मश्री मालिनी अवस्थी और संजय श्रीनिवास, वाईस प्रेसिडेंट – मार्केटिंग, पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स बिज़नेस, आईटीसी लिमिटेड की मौजूदगी में जयपुरिया स्कूल, लखनऊ में पेश की गई। इस साल, सैवलॉन स्वस्थ इंडिया मिशन को लखनऊ, कानपुर नगर, प्रयागराज, गोरखपुर, वाराणसी, मेरठ, आगरा, गाज़ियाबाद, मुरादाबाद, बरेली, सहारनपुर, झाँसी, मथुरा, अयोध्या जैसे शहरों में 5 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों तक ले जाया जाएगा।
समीर सत्पति, डिवीज़नल चीफ एक्ज़ीक्यूटिव, पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स बिज़नेस, आईटीसी लिमिटेड ने सैवलॉन स्वस्थ इंडिया मिशन के बारे में कहा, ‘‘हम सैवलॉन स्वस्थ इंडिया मिशन द्वारा स्कूल के बच्चों में हो रहे परिवर्तन को देखकर बहुत उत्साहित हैं। कांटार इंपैक्ट रिपोर्ट देश में सैवलॉन स्वस्थ इंडिया मिशन के स्कूल कॉन्टैक्ट प्रोग्राम का प्रभाव प्रदर्शित करती है। शिक्षित व्यवहार और साबुन से हाथ धोने की बढ़ती आदत इस अभियान की रोचक और इंटरैक्टिव शिक्षा विधि प्रदर्शित करती है। आईटीसी में हम हाथों की स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह एक स्वस्थ समाज के विकास और हाथों से फैलने वाले संक्रमणों को रोकने की ओर हमारा एक शक्तिशाली प्रयास है।’’
भारत की प्रसिद्ध लोक नायिका, पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने कहा, ‘‘मुझे सैवलॉन स्वस्थ इंडिया मिशन का हिस्सा बनने में गर्व है। मैं पिछले 8 सालों के प्रयासों के लिए इस टीम को बधाई देती हूँ। उन्होंने लंबा सफर तय करते हुए सराहनीय परिवर्तन लाया है। हाथों को स्वच्छ रखना संक्रमणों को रोकने के सबसे प्रभावशाली उपायों में से एक है। मैं बच्चों में इस आदत का विकास होते देखकर बहुत खुश हूँ। आदत बनाना एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। 90 प्रतिशत बच्चे सही तरीके से हाथ धोना याद रखते हैं। यह बहुत उत्साहवर्धक परिणाम है। मैं इसे महत्वपूर्ण मानती हूँ। एक बार जब दिमाग हाथ धोने में खुशी महसूस करने लगता है, तो हर बार सही विधि से हाथ धोने की प्रेरणा अपने आप मिलने लगती है। अब ज़्यादातर बच्चे टिफिन खाने से पहले अपने हाथ धोते हैं। स्कूल में बच्चों की आदत में आया यह एक महत्वपूर्ण बदलाव है। इस आदत के विकास में टीचर्स ने भी सराहनीय योगदान दिया है।’’
सैवलॉन स्वस्थ इंडिया मिशन 2024-25 संस्करण इंटरैक्टिव संचार की मदद से बच्चों में हाथ धोने की आदत का विकास कर रहा है। आईटीसी ने एक स्वतंत्र शोध संस्थान, कांटार के साथ इस अभियान के प्रभाव का एक अध्ययन किया। यह अध्ययन लखनऊ और राँची में सैवलॉन स्वस्थ इंडिया मिशन के स्कूल कॉन्टैक्ट प्रोग्राम के लिए किया गया। इसमें निम्नलिखित 5 उत्साहजनक परिणाम देखने को मिले:
- इस अभियान के संपर्क में आए 95 प्रतिशत बच्चों को यह इतना पसंद आया कि उन्होंने अपने दोस्तों से इसके बारे में बात की।
- 90 प्रतिशत बच्चे हाथ धोने का सही तरीका याद रखते हैं, जिससे प्रदर्शित होता है कि उन्होंने हाथ धोना सीख लिया है।
- लखनऊ में 96 प्रतिशत विद्यार्थी टॉयलेट जाने के बाद हाथ धोना नहीं भूलते हैं। यह एक महत्वपूर्ण परिवर्तन है।
- सभी बच्चे स्कूल में टिफिन खोलने से पहले अपने हाथ धोते हैं।
- जो बच्चे नियमित तौर से हाथ धोते हैं, उनमें से 87 प्रतिशत बच्चों की माँओं ने बताया कि उनके बच्चे कम बीमार पड़ते हैं।
इस अभियान के लिए उत्तर प्रदेश हमेशा से एक महत्वपूर्ण राज्य रहा है। पिछले सालों में सैवलॉन स्वस्थ इंडिया मिशन ने बच्चों को अपने समुदायों में परिवर्तन लाने में समर्थ बनाया है। कांटार इंपैक्ट रिपोर्ट में सामने आया है कि बच्चों ने हाथ धोने की दिनचर्या अपना ली है। विशेषकर लखनऊ में ज्यादा बड़ा परिवर्तन हुआ है, जहाँ केवल पानी से हाथ धोने की बजाय साबुन और हैंडवॉश से हाथ धोने की आदत बढ़ी है। यह हाथों की स्वच्छता को बढ़ावा देने में इस अभियान का महत्वपूर्ण प्रभाव प्रदर्शित करता है। सैवलॉन स्वस्थ इंडिया मिशन अपने आठवें साल में हाथों को स्वच्छ रखने की प्रेरणा देने वाला सबसे प्रभावशाली अभियान है, जो लगातार बढ़ रहा है। यह अभियान बड़ा परिवर्तन लाने की शक्ति प्रदर्शित करता है, जिससे एक स्वस्थ व मजबूत भारत के निर्माण में योगदान मिल रहा है। देश की भावी पीढ़ी को हाथ स्वच्छ रखने की प्रेरणा देकर यह अभियान एक स्वस्थ भविष्य का निर्माण कर रहा है, जो एक बार में एक हैंडवॉश के साथ आगे बढ़ रहा है। स्वस्थ बच्चे, मज़बूत भारत!