लखनऊ डेस्क/ गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुई बच्चों की मौत के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस भेजा है । आयोग ने इस संबंध में प्रदेश के मुख्य सचिव से पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट तलब की है ।
यूपी सरकार को रिपोर्ट में बताना होगा कि कितने बच्चों की मौत हुई? पीड़ित परिवारों के राहत और पुनर्वास के लिए कौन-कौन से कदम उठाए गए? इसके अलावा मामले में दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई? उत्तर प्रदेश सरकार को इस नोटिस पर जवाब के लिए चार हफ्ते का समय दिया गया है । आयोग ने तमाम मीडिया रिपोर्ट में लिक्विड आॅक्सीजन की सप्लाई में लापरवाही को इस हादसे की प्रमुख वजह बताए जाने के बाद मामले में स्वत: संज्ञान लिया है ।
कमीशन का कहना है कि सरकारी अस्पताल में इतनी बड़ी संख्या में मौतें गंभीर मामला है । ये निर्दोष पीड़ितों के जीने के अधिकार और स्वास्थ्य के अधिकार का खुला उल्लंघन है । साथ ही ये अस्पताल प्रशासन और सरकार के चिकित्सा स्वास्थ्य व स्वास्थ्य विभाग की गंभीर उदासीनता को भी दर्शाता है । इससे पहले भी कई अस्पतालों में जापानी इन्सेफलाइटिस से मौत के कई मामले सामने आ चुके हैं ।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मामले में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश कर दिए गए हैं । पूर्वांचल में पिछले 3 दशकों में जापानी इन्सेफ्लाइटिस और एक्यूट इन्सेफ्लाइटिस ने 50 हजार से ज्यादा जानें ले लीं. इनमें सबसे ज्यादा मौतें गोरखपुर में हुईं । साथ ही यह भी बताया गया है कि 8 अगस्त तक अस्पताल में 124 मौतें हो चुकी हैं | वहीं पिछले साल 641 बच्चों की मौत हुईं, जबकि 2015 में 491 बच्चों की मौत हुई ।