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शिक्षक बनने के पहले टीईटी, फिर लिखित परीक्षा

शिक्षक बनने के पहले टीईटी, फिर लिखित परीक्षा

लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश कैबिनेट की मंगलवार को हुई बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक बनने के लिए अब टीईटी के बाद लिखित परीक्षा को भी अनिवार्य कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में फैसले लिया गया कि टीईटी पास अभ्यर्थियों की अब सीधे भर्ती नहीं होगी, बल्कि उन्हें लिखित परीक्षा से भी गुजरना होगा। मेरिट बनाते समय लिखित परीक्षा के अंक भी जोड़े जाएंगे।

कैबिनेट की बैठक के बाद सरकार के प्रवक्ता व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने मीडिया से कहा कि योगी सरकार प्राथमिक स्कूलों में बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा देने के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि लिखित परीक्षा टीईटी क्वालीफाई करने के बाद देनी होगी। शिक्षक भर्ती की मेरिट में लिखित परीक्षा के भी अंक जोड़े जाएंगे।

शर्मा ने कहा कि अब प्रदेश में लिखित परीक्षा के माध्यम से बेसिक शिक्षकों की भर्ती होगी। लिखित के लिए 60 और शैक्षिक योग्यता के आधार पर 40 अंक दिए जाएंगे। लिखित परीक्षा में सिर्फ टीईटी पास अभ्यर्थी ही बैठ सकेंगे।

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