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सरकार को बैलेट पेपर से चुनाव कराने चाहिए: स्वामी प्रसाद मौर्य

सरकार को बैलेट पेपर से चुनाव कराने चाहिए: स्वामी प्रसाद मौर्य

TIL Desk लखनऊ:👉 स्वामी प्रसाद मौर्य की प्रेस कांफ्रेंस …………………कल से मेरी दूसरी यात्रा शुरू होने जा रही है और उसी तत्वधान में संविधान, सम्मान एवं जनहित यात्रा का दूसरा चरण कल से बस्ती मंडल से शुरू होगा। तीसरे चरण के कार्यक्रम में। कानपुर मंडल और आगरा मंडल के जिले रहेंगे। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य केंद्र और प्रदेश सरकार की नींद को जगाने का है।

किसान समस्या, गरीबी, बेरोजगारी, बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था, ओबीसी, एससी नौजवानों की हत्या, लड़कियों महिलाओ की हत्या, हत्या को सुसाइड का रूप साबित करना। संविधान की अनदेखी करना, आरक्षण को शून्य कर दिया है | कोई भर्ती आई तो आरएसएस के लोगो की भर्तियां हो रही है भर्तियों में धांधली की जा रही है।

सुनियोजित साजिश के तहत नौजवानों को बेरोजगार बनाया जा रहा है संस्थान और नौकरियां निजी हाथों में बेची जा रही है इस सरकार द्वारा। नौजवानों के सपनो को तार-तार कर रही है। प्रतापगढ़ में नर्स का कार्य कर रही दलित युवती की बलात्कार के बाद हत्या की गई।

आजमगढ़ में पुलिस कस्टडी में युवक की हत्या, पुलिस ने दिखाया नारे से फांसी लगा ली है। पुलिस गुंडे का पर्याय बन गई है। गुंडे-माफिया अपराधियों पर सरकार, पुलिस कार्यवाही करने से बचती है इनको सरकार का संरक्षण प्राप्त है। पीएम और सीएम की नजर इन पर नहीं जा रही है।

औरंगजेब के प्रकरण, हिंदू-मुस्लिम प्रकरण उछलने से इस प्रदेश का निदान नहीं होना है। सीएम जब सोकर उठते है तो मंदिर मस्जिद, हिंदू-मुस्लिम की, बाबर की बात करते है। महंगी शिक्षा ख़त्मकर वन-नेशन शिक्षा लागू करना चाहिए जनता से जुड़े मुद्दों पर ये सरकार बात नही करती।

जातिगत आरक्षण कराना चाहिए सरकार को। चुनाव में ईवीएम पर उंगली उठती है तो जहां से विदेशी कन्ट्रियों में इसकी शुरुवात हुई तो वहां बैलेट पर चुनाव हो रहे है। सरकार को बैलेट पेपर से चुनाव कराने चाहिए। आठ घंटे की कड़ी मेहनत के बावजूद लोगो को सही वेतन नहीं मिल रहा। शिक्षा मित्र, आशा बहुएं इनको गवर्नमेंट एमप्लाय घोषित कर उन्हे वेतन मिले।

इन्ही मुद्दो को लेकर हमारी यात्रा अब आगे जारी रहेगी। ये वक्फ बोर्ड संशोधन बिल सरकार लाने जा रही है ये दुष्भावना पूर्ण निर्णय है सरकार का। सरकार इस बिल के जरिए वक्फ की संपत्ति हड़पने और इसका दुष्प्रयास करना चाहती है। मैं इसका विरोध करता हूं और इसमें कोई बदलाव नहीं होना चाहिए।

सीएम की जिस तरह की भाषा है बोली है वो धर्म विशेष के खिलाफ है इनकी ताजिये, मंदिर पर नमाज, पर ध्यान जाता है तो इनके अपने धर्म विशेष में तमाम कृतियां है इनपर क्यों इनकी नजर नहीं जाती । इन्हे इससे बचना चाहिए। इन्हे दखल नहीं देना चाहिए।

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