TIL Desk लखनऊ:👉सामाजिक रूप से भाजपा ने देश में सौहार्द बिगाड़ा व भाईचारा खत्म किया, जाति के खिलाफ जाति; सम्प्रदाय के खिलाफ सम्प्रदाय लड़वाए; संविधान द्वारा दिये गये आरक्षण को साज़िशन ख़त्म करने के लिए बेरोजगारों से छल किया, पेपर लीक कराए; देश के लिए आगे बढ़कर लड़ने वालों की बहन-बेटियों के लिए जानबूझकर अपने मंत्रियों से अपशब्द कहलवाए, महिलाओं के प्रति अपराध बढ़ाए, मणिपुर, हाथरस, महिला पहलवान… पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक व आदिवासियों पर अत्याचार और सबसे ख़राब व्यवहार किये जाने की रिकॉर्ड बना.
आर्थिक रूप से इलेक्टोरल बाण्ड का ऐतिहासिक भ्रष्टाचार किया, इलेक्टोरल बाण्ड के माध्यम से पैसा कमाने के लिए मुनाफाखोरी को बढ़ावा दिया जिसने महंगाई को बढ़ाया। अपने फ़ायदे के लिए भाजपा ने जनता पर बेतहाशा महंगाई थोप दी। नोटबंदी से व्यापार-कारोबार चौपट कर दिया। भ्रष्ट जीएसटी से छोटे दुकानदार तक को मंदी का शिकार बना दिया। किसानों की ज़मीन हड़पनी चाही, काले-कानून लाने चाहे, खाद की बोरी की चोरी की, लाभकारी मूल्य नहीं दिया… 45 सालों की सबसे बड़ी बेरोज़गारी में देश को धकेला। महँगाई से गरीब को और गरीब बना दिया। अमीरों के अरबों के लोन माफ़ किये लेकिन किसानों को ऋण के लिए आत्महत्या के लिए मजबूर किया। ब्याज की दरें घटाकर मध्यम वर्ग की बचत को बेकार कर दिया, बैंकों में तरह-तरह के चार्ज और पेनल्टी से लोगों के खाते दीमक की तरह अंदर-ही-अंदर खा गये… बैंक लॉकरों के नाम पर ज़िम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया।
नैतिक रूप से चंदे तक का पैसा खा गये, केयर फ्रेंड के नाम के आगे पीएम के नाम का इस्तेमाल करके बाद में हिसाब देने से मना कर दिया, अपराधियों को शामिल करके उनके कुकृत्यों पर परदा डाला। जैसे मणिपुर में अपने संगी-साथियों द्वारा बेटी के साथ अमानवीय व्यवहार में, BHU छात्रा अभद्रता कांड में, खीरी किसान हत्या कांड में, हाथरस की बेटी के बलात्कार-हत्या व कानपुर देहात कांड में जहां माँ-बेटी को झोपड़ी में जिंदा जलाकर मार डाला ऐसे अनगिनत उदाहरण
शारीरिक रूप से देखें तो भाजपा लोगों के शरीर-स्वास्थ्य से भी खिलवाड़ की दोषी है। भाजपा ने बिना जाँचे परखे जानलेवा वैक्सीन लगवाई, कमीशन खाकर गलत दवाई को पास करके लोगों का जीवन ख़तरे में डाला। इसका सीधा असर जनता की सेहत पर पड़ेगा और आनेवाली पीढ़ियों की तंदुरुस्ती पर भी। भाजपा पीढ़ियों पर प्रहार की दोषी है।