नई दिल्ली डेस्क/ सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नोएडा के सेक्टर 93-ए में करोड़ों रुपये की आवासीय परियोजना – ट्विन टावर्स के ध्वस्त होने के बाद रियल्टी कंपनी सुपरटेक ने रविवार को कहा कि ट्विन टावरों सहित भवन निर्माण की योजना 2009 में नोएडा प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित, और राज्य सरकार के तत्कालीन प्रचलित भवन उप कानूनों के अनुसार थे।
बिल्डर ने एक बयान में कहा, “नोएडा में ट्विन टावर्स एपेक्स और सेयेन का निर्माण नोएडा प्राधिकरण द्वारा आवंटित भूमि पर किया गया था। दो टावरों सहित परियोजना की निर्माण योजनाओं को 2009 में नोएडा प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित किया गया था जो कि तत्कालीन प्रचलित बिल्डिंग कानूनों के अनुसार सख्ती से अनुपालन के तहत बनाया गया था।”
सुपरटेक ने दावा किया कि भवन योजना से कोई समस्या नहीं था और प्राधिकरण को पूरा भुगतान करने के बाद भवन का निर्माण किया गया था। सुपरटेक ने कहा, “हालांकि, माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने तकनीकी आधार पर निर्माण को संतोषजनक नहीं पाया है और तदनुसार दो टावरों को ध्वस्त करने के आदेश जारी किए हैं। हम सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का सम्मान करते हैं और इसे लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
बिल्डर ने यह भी कहा कि उन्होंने घर खरीदारों को 70,000 से अधिक इकाइयों की डिलीवरी दी है और शेष को निर्धारित समय सीमा के अनुसार डिलीवरी देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बयान में कहा गया है, “हमने घर खरीदारों को 70,000 से अधिक इकाइयों की डिलीवरी पूरी कर ली है और शेष घर खरीदारों को निर्धारित समय सीमा के अनुसार डिलीवरी देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
बयान के अनुसार, “हम अपने सभी घर खरीदारों को आश्वस्त करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से किसी भी अन्य चल रही परियोजना को प्रभावित नहीं किया जाएगा और अन्य सभी परियोजनाएं जारी रहेंगी और हम निर्धारित समय के अनुसार निर्माण पूरा करने और आवंटितियों को फ्लैट वितरित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” नोएडा के सेक्टर 93-ए में सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट सोसाइटी के भीतर ट्विन टावर्स – एपेक्स (32 मंजिल) और सेयेन (29 मंजिल) – 2009 से निमार्णाधीन थे। रविवार को टावरों को धवस्त कर दिया गया।