भोपाल
अमेरिका से अवैध भारतीय अप्रवासियों को बेड़ियों में जकड़कर भारत भेजा गया था. वरिष्ठ भाजपा नेता और मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने इस तरीके को शर्मनाक और क्रूर बताते हुए शनिवार को अमेरिकी सरकार पर निशाना साधा. दरअसल 104 अवैध भारतीय अप्रवासियों को लेकर एक अमेरिकी सैन्य विमान 5 फरवरी को अमृतसर पहुंचा, यह अवैध अप्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई के तहत डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा निर्वासित भारतीयों का पहला ऐसा जत्था था.
बेड़ियों में जकड़कर लाए गए भारतीय
दावा किया कि पूरी यात्रा के दौरान उनके हाथ और पैर बेड़ियों में जकड़े रहे और अमृतसर में उतरने के बाद ही उनकी बेड़ियां खोली गईं. इस पर उमा भारती भड़क गईं. उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लगातार तीन पोस्ट किए. जिसमें उन्होंने लिखा कि, ''जिस तरह से अवैध भारतीय अप्रवासियों को हथकड़ी और बेड़ियों में जकड़कर अमेरिका से वापस भेजा गया, वह बेहद शर्मनाक और मानवता पर कलंक है. यह निर्दयता एवं हिंसक मनोवृति रेड इंडियंस के एवं अमेरिका में बसे हुए अफ्रीकी मूल के लोगों के मामले में अमेरिका की सरकारों ने कई बार दिखाई है.''
'ऐसी क्रूरता इस भूमंडल पर महापाप'
उन्होंने लिखा, ''जब उनको हवाई जहाज से ही भेज रहे थे, हथकड़ी बेड़ी में उनको जकड़ कर रखना, अमेरिकी शासन की क्रूरता एवं अमानवीयता को दर्शाता है. अवैध तरीके से किसी देश में घुसना अपराध है, उसकी सजा के प्रत्येक देश में अपने कानून के अनुसार प्रावधान हैं. किंतु ऐसी क्रूरता इस भूमंडल पर महापाप है.'' उमा भारती ने यह ट्वीट पीएम नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर को भी टैग किए हैं.
आज अप्रवासियों को लेकर अमृतसर आ सकती है एक और फ्लाइट
बता दें कि 119 अवैध अप्रवासियों को लेकर एक और अमेरिकी विमान के शनिवार को अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरने की संभावना है. यह ट्रंप सरकार द्वारा निर्वासित भारतीयों का दूसरा ऐसा जत्था है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विमान के रात करीब 10 बजे हवाई अड्डे पर उतरने की उम्मीद है.
PM मोदी और ट्रंप की मुलाकात के बीच हुई ये कार्रवाई
बता दें यह प्रक्रिया ऐसे समय में की जा रही है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका की यात्रा के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात कर आव्रजन सहित कई अहम द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की. पीएम मोदी ने एक संयुक्त मीडिया सम्मेलन के दौरान सत्यापित भारतीय नागरिकों की स्वदेश वापसी में सहयोग की भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की, लेकिन साथ ही प्रवासियों का शोषण करने वाले मानव तस्करी नेटवर्क से निपटने की आवश्यकता पर भी जोर दिया.