TIL Desk लखनऊ: लोकसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। सत्र हंगामेदार होने के आसार हैं। विपक्ष खासतौर पर सपा और कांग्रेस ने मिलकर सरकार को घेरने की तैयारी कर रखी है। विधानसभा से जारी सूचना के अनुसार मॉनसून सत्र 29 जुलाई से 2 अगस्त तक चलेगा। सत्र में कई अध्यादेश और अधिसूचनाओं को सदन के पटल पर रखा जाएगा। 30, 31 जुलाई और 1, 2 अगस्त को विधायी कार्य होंगे। जानकारी के अनुसार वित्त मंत्री सुरेश खन्ना 30 जुलाई को अनुपूरक पेश करेंगे, जिसे एक अगस्त को पारित किया जाएगा।
इसके अलावा सत्र में एक दर्जन से अधिक अध्यादेशों को भी पारित कराया जाएगा। वहीं, सत्र में विपक्ष भी अक्रामक होने की पूरी संभावना है। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में सभी दलीय नेताओं ने सुचारू रूप से सदन चलाने में सहयोग करने का भरोसा दिया है।
विधानसभा अध्यक्ष ने सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सार्थक चर्चा करने और जनता से जुड़े मुद्दों को उठाने की अपील की। उन्होंने सत्र के सुचारू संचालन के लिए सभी दलीय नेताओं से सहयोग करने का अनुरोध किया। इस दौरान विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रदेश में सूखा, बाढ़ और अघोषित बिजली कटौती समेत जनता से जुड़े मुद्दों पर सदन मे चर्चा कराने की मांग की।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि संवाद और सकारात्मक चर्चा से लोकतंत्र मजबूत होता है। सबसे बड़ी विधानसभा होने की वजह से यूपी विधानसभा की कार्यवाही अन्य राज्यों के लिए आदर्श पेश करती है। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने अपनी विशिष्ट कार्यशैली से यूपी का गौरव बढ़ाया है।