इलाहाबाद डेस्क/ उत्तर प्रदेश में सीएमओ और डीएम स्तर से होने वाली स्वास्थ्य विभाग की सभी भर्तियों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। स्वास्थ्य व चिकित्सा मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि इस संबंध में सभी जिलों के डीएम और सीएमओ को आदेश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया, ‘इन्हीं भर्तियों में सबसे अधिक धांधली हो रही है और पैसे का लेनदेन किया जा रहा है। जब तक इन्हें ठीक तरीके से देख नहीं लिया जाता तब तक भर्तियां शुरू नहीं होंगी।’
सिद्धार्थ नाथ सिंह के मुताबिक सरकार का लक्ष्य प्रदेश में आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति को सस्ती और अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है। इसके लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। देश में पहली बार यूपी में दस सामान्य बीमारियों के लिए स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल बनाने का निर्णय लिया गया है। इससे किसी भी बीमारी की स्थिति में होने वाली जांच सभी केन्द्रों पर समान तरीके से हो सकेगी और लोगों को बरगलाया नहीं जा सकेगा। इसके लागू होने से सभी अस्पतालों में ऐसी बीमारियों का एक समान इलाज होगा।
उन्होंने यह भी बताया कि सभी सीएमओ को एक फॉर्मेट उपलब्ध कराया गया है। जिस पर उन्हें, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य और डीजी हेल्थ को रोज मरीजों का ब्यौरा उपलब्ध कराना होगा। जिसमें ऐंबुलेंस सर्विस, मरीजों की संख्या, इलाज का ब्यौरा, दवाओं का ब्यौरा और डाक्टरों की उपस्थिति समेत कई जानकारियां देनी होंगी। स्वास्थ्य विभाग एक ऐप भी जारी करेगा। जिसके जरिए लोगों को अस्पतालों और इलाज से संबंधित सभी जानकारियां आसानी से मिल सकेंगी। इस ऐप के जरिए मरीज अस्पतालों में रजिस्ट्रेशन भी करा सकेगा।